अतरौलिया (आजमगढ़): लेखपालों ने पंचायती राज मंत्री से अंतर्मंडलीय स्थानांतरण की प्रक्रिया जल्द पूरी करने की मांग की

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पारिवारिक और स्वास्थ्य कारणों से गृह जनपद वापसी की अपील

रिपोर्ट— अशफाक अहमद

आजमगढ़:  अतरौलिया स्थित निरीक्षण भवन में रविवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लेखपालों ने पंचायती राज मंत्री को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने अपनी अंतर्मंडलीय स्थानांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कराने की मांग की.

स्थानांतरण की मांग के पीछे के कारण

लेखपालों ने अपने ज्ञापन में पारिवारिक, स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं का उल्लेख किया है, साथ ही शासन से मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है.

  • सीमित वेतन और आर्थिक बोझ: उन्होंने बताया कि लेखपाल राजस्व विभाग के अधीनस्थ कर्मचारी हैं और सीमित वेतन में काम कर रहे हैं. अधिकांश मध्यम या निम्न वर्गीय पृष्ठभूमि से आते हैं. हजारों किलोमीटर दूर नियुक्ति होने से उनका परिवार दो हिस्सों में बंट गया है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ गया है.
  • पारिवारिक और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें: दूर होने के कारण वे अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल और बीमार परिजनों की सेवा नहीं कर पा रहे हैं.
  • महिला लेखपालों की समस्याएं: कुछ महिला लेखपालों ने बताया कि गृह जनपद से सैकड़ों किलोमीटर दूर तैनात होने के कारण उनके विवाह में बाधा आ रही है या विवाह के बाद उनका पारिवारिक जीवन संकट में पड़ गया है.

पूर्व में जारी शासनादेश और लंबित आदेश

ज्ञापन में बताया गया कि शासन ने 23 अगस्त 2018 को स्थानांतरण के लिए शासनादेश जारी किया था, जिसके तहत अब तक दो चरणों में लगभग 700 लेखपालों को गृह मंडल में नियुक्ति मिल चुकी है. इस वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में भी ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे, लेकिन अब तक स्थानांतरण आदेश जारी नहीं हुए हैं.

लेखपालों, जिनमें रोशन द्विवेदी, सचिन राजपूत, योगिता सिंह और अन्य शामिल थे, ने मंत्री से मांग की कि पारिवारिक और स्वास्थ्य स्थितियों को ध्यान में रखते हुए आदेश शीघ्र जारी किए जाएं. उनका कहना है कि यदि यह निर्णय जल्द लिया जाता है, तो हजारों लेखपालों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी.

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