दिल्ली एनसीआर। पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं व पाकिस्तान खूफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा भारत में एक बहुत बड़े आतंकी हमले की तैयारी की जा रही थी अगर खुफिया रिपोर्ट के माने तो यह हमला 26 /11 से भी बड़ा हमला हो सकता था लेकिन खुफिया विभाग दिल्ली पुलिस की सक्रियता से समय रहते नपाक इरादे को नाकामयाब करने में सफलता मिल गई , पकड़े गए आरोपियों को आई एस आई एस आतंकी संगठनों में भर्ती किए जाने का खुलासा हुआ है। इनकी तैयारी हिंदू त्योहारों खास कर दिवाली पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर धमाके की साजिश थी। पड़ोसी देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की दुनिया के सामने अपने गुनाहों को छिपाने के लिए नई करतूत सामने आई है। आईएसआई भारत में युवाओं को गुमराह कर उन्हें आईएसआईएस के नाम पर आतंकी संगठनों में भर्ती कर रहा है। अगर ये आतंकी पकड़े जाते हैं तो आईएसआई की जगह आईएसआईएस का नाम सामने आएगा। दूसरी तरफ पकड़े गए आतंकियों का वर्ष 2002 में अक्षरधाम पर आतंकी हमला करने वाले आतंकियों से भी लिंक सामने आया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2002 में अक्षरधाम पर आतंकी हमला हुआ था। ये हमला आईएसआई व लश्कर ए तैयबा ने मिलकर करवाया था। आईएसआई ने ये हमला फरातुल्ला गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल से करवाया था। ये दोनों आतंकी हमला करने के बाद पाकिस्तान चले गए थे। इनके पाकिस्तान जाने से अक्षरधाम पर आतंकी हमले के पाकिस्तान के खिलाफ सबूत मिल गए थे। ऐसे में अब खुफिया एजेंसी
आईएसआई ने भारत में आतंक फैलाने की रणनीति बदली
है। अब आईएसआई को आईएसआईएस के नाम पर भारत में ही युवाओं को आतंक के लिए भर्ती कर रही है।
आईएसआईएस के नाम पर भटके हुए युवा भर्ती हो रहे हैं।
मगर इन भटके हुए युवाओं का हैंडलर, खलीफा पाकिस्तान में बैठा हुआ है। आतंकवाद के लिए भर्ती हुए इन आतंकी से आईएसआई अपने लिए भारत में आतंकी वारदात करवाती है। आईएसआई की रणनीति ये है कि अगर ये पकड़े गए तो आईएसआईएस का नाम होगा।
तीनों आतंकवादियों पर तीन लाख का ईनाम
आईएसआई ने ये काम अब गौरी के दामाद शाहिद फैसल को भारत में लड़ाके भर्ती करने का जिम्मा सौंपा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शाहिद फैसल ने जो आतंकी भर्ती किए हैं, उनमें कुछ के लिंक मो. शाहनवाज व फरार आतंकी मो. रिजवान के लिंक सामने आए हैं।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी दिवाली के समय भीड़भाड़ वाली जगहों बम धमाके करने की साजिश रच रहे थे। दिल्ली पुलिस ये जांच कर रही है कि आतंकी कितनी जगहों पर बम धमाके की साजिश रच रहे थे।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी मो. शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना और मोहम्मद अरशद वारसी जंगल में बम बनाने व चलाने की प्रैक्टिस के अलावा जंगल में रहने की प्रैक्टिस भी कर रहे थे। एसीपी ललित मोहन नेगी की देखरेख में इंस्पेक्टर विनयपाल व इंस्पेक्टर अरविंद सिंह की टीम द्वारा जांच में ये बात सामने आई है कि ये बम धमाके कर जंगल में भाग जाते और वहां छिपकर रहते।
जैतपुर में बारूद को मजबूत करने वाले केमिकल मिले
दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जैतपुर में स्थित मो. शाहनवाज आलम के ठिकाने से ऐसे केमिकल मिले हैं, जिनसे बारूद को मजबूत किया जाता है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी केमिकल को कहां से लेकर आए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2002 में अक्षरधाम पर आतंकी हमला हुआ था। ये हमला आईएसआई व लश्कर ए तैयबा ने मिलकर करवाया था। आईएसआई ने ये हमला फरातुल्ला गौरी और उसके दामाद शाहिद फैसल से करवाया था। ये दोनों आतंकी हमला करने के बाद पाकिस्तान चले गए थे। इनके पाकिस्तान जाने से अक्षरधाम पर आतंकी हमले के पाकिस्तान के खिलाफ सबूत मिल गए थे। ऐसे में अब खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में आतंक फैलाने की रणनीति बदली है।पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी मो. शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना और मोहम्मद अरशद वारसी जंगल में बम बनाने व चलाने की प्रैक्टिस के अलावा जंगल में रहने की प्रैक्टिस कर रहे थे।
