दुखद घटना……
Phoolpur express
शाहजहांपुर (यूपी)। मंगलवार को एक हृदय विदारक घटना जिसमें एक व्यक्ति द्वारा पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर पहुंचकर खुद को आग लगाने के बाद वायरल हुए वीडियो व खबरों के बीच राजनीतिक बयान बाजियां शुरू होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया, जिसमें विपक्षियों को सरकार को घेरने , कोसने व कानून व्यवस्था पर अंगुली उठाने का भरपूर मौका भी मिल गया, हालांकि पुलिस की माने तो यह मामला न्यायालय के अधीन और आपसी लेनदेन का है जिसे कुछ लोगों के बहकावे में आकर उक्त व्यक्ति द्वारा खुद को आग लगा लिया गया। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर एक व्यक्ति ने खुद को आग लगा ली। पुलिस ने कथित तौर पर उसकी पिकअप वैन की चोरी की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था।खबरों के मुताबिक, कैंट थाना क्षेत्र के रहने वाले ताहिर अली की पिकअप वैन चोरी हो गई थी। हालांकि, स्थानीय थाने से लेकर एसपी कार्यालय तक चक्कर लगाने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मंगलवार को ताहिर ने एसपी कार्यालय के बाहर खुद को आग लगा ली। आग की लपटों में घिरा हुआ वह एसपी कार्यालय में भागता रहा, जबकि उसके बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को एक वीडियो में मदद के लिए चिल्लाते हुए सुना जा सकता है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
युवक को आग की लपटों में घिरा देख वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे गाड़ी में बिठा कर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, लगभग पच्चास प्रतिशत जलने से जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है वही इस घटना के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है जिसको लेकर कानून व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाई जा रहे हैं।
इसी घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, ”शाहजहांपुर में पिकअप वैन चोरी की रिपोर्ट दर्ज न होने से नाराज युवक ने एसपी कार्यालय के सामने खुद को आग लगा ली। तत्काल शीर्ष स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए, और आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त मामला दर्ज किया जाना चाहिए।”
वहीं चुनावी माहौल के बीच आग लगाए व्यक्ति के मामले में राजनीतिक रोटी सेकने वालों की भी होड़ मच गई है, इसी कड़ी के पीड़ित को देखने पहुंचे समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद नदवी ने अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की और उसे हर संभव सहायता का आश्वासन दिया साथ ही कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान भी खड़ा किया।
उधर इस मामले में गर्म होती राजनीति और कानून व्यवस्था पर उठ रही अगली के बीच पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस मामले में पुलिस की कोई भूमिका नहीं है। ताहिर अली का उमेश तिवारी से व्यवसायिक संबंध हैं, यह एक दूसरे से लेनदेन ही करते रहे और दो पिकअप गाड़ी भी इन्होंने खरीदा था। दोनों के बीच एक पिक अप वाहन के स्वामित्व का विवाद चल रहा है। इसका समाधान कोर्ट से अपेक्षित है। इसमें पुलिस की कोई भूमिका नहीं है। ताहिर अली का अस्पताल में इलाज चल रहा है, और वही इस मामले में कुछ लोगों द्वारा भ्रामक सलाह देकर ताहिर अली को खुद को आग लगाने के लिए उकसाने जैसा मामला संज्ञान में आ रहा है इसकी जांच की जा रही है और दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा।