एनआईए ने सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों के खिलाफ पूरे यूपी में कई छापे मारे

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नई दिल्ली :  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को पूरे उत्तर प्रदेश में छापे मारकर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के नेताओं, कैडरों आदि के प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई की।
जिसमें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आज़मगढ़ जिलों में आठ स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, धन रसीद किताबें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के साथ-साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। एनआईए जांच से संकेत मिलता है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने/भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है। वे इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा की साजिश रच रहे थे। माओवादी संगठनों के फिर से एक बार शहरी क्षेत्र में सक्रिय होने से जहां प्रमुख जांच एजेंसियों सहित स्थानीय जांच एजेंसी खुफिया,पुलिस सकते में वहीं जनता में भी भय व्याप्त है।

हालांकि समय रहते इस पर कार्रवाई तो हुई लेकिन अभी भी इस नक्सली मॉड्यूल से जुड़े बहुत से लोग लोगों के बीच छिपे होने की आशंका हैं जिनके खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की आवश्यकता है। एन आई ए जांच से यह भी पता चला है कि प्रमोद मिश्रा आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में सीपीआई (माओवादी) के कैडरों और समर्थकों/ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यूएस) का नेतृत्व कर रहे थे। मामले ((आरसी-01/2023/एनआईए-एलकेडब्ल्यू) में मंगलवार को मारे गए छापे ऐसे कैडरों और ओजीडब्ल्यू आदि के परिसरों पर थे। इससे पहले, पिछले महीने, बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिनकी पत्नी का नाम मामले से संबंधित एफआईआर में है। रोहित से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस को सीपीआई (माओवादी) के सीसी सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी तक ले जाया गया। इन गिरफ्तारियों के बाद, राज्य पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक फैक्ट्री कब्जे में ली थी, जहां बिहार और यूपी में हथियारों के हिस्से बनाने और देशी हथियारों को इकट्ठा करने के लिए एक खराद फैक्ट्री स्थापित किया गया था। मामले के संबंध में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आज़ाद और रितेश विद्यार्थी, उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आज़ाद पत्नी विश्वविजय, अमिता शिरीन का नाम शामिल था। कुछ प्रमुख आरोपी सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जिनके विरुद्ध करवाई आगे जारी रहेगी।

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