कार्रवाई में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र भी शामिल, जांच में मिलीं गंभीर अनियमितताएं
आजमगढ़, उत्तरप्रदेश: आजमगढ़ में 15 औषधि दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी (विक्रय) द्वारा 31 जुलाई को औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई।
निलंबित की गई दुकानों में मेसर्स अग्रवाल दवा घर, शिफा मेडिकल स्टोर, सिंघल मेडिकल्स, बाबा मेडिकल्स, आस्था मेडिकल एजेंसी, संतोष मेडिकल एजेंसी, आलम मेडिकल हाल, और मेडिकल बाजार शामिल हैं। इनके अलावा, जिला महिला अस्पताल, रानीपुर, अतरौलिया और मंडलीय जिला चिकित्सालय के पांच प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र भी निलंबित किए गए हैं।
यह निलंबन 7 से 15 दिनों तक के लिए किया गया है, और इस दौरान इन दुकानों पर दवाओं की खरीद-बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। निलंबन की अवधि दुकानों में पाई गई अनियमितताओं की गंभीरता पर निर्भर करती है।
15 दिन के लिए निलंबित प्रतिष्ठान:
- मेसर्स अग्रवाल दवा घर, आसिफगंज, पुरानी कोतवाली, सदर।
- मेसर्स शिफा मेडिकल स्टोर, शिफा मैटरनिटी एंड रिसर्च, नसीरपुर, बिलरियागंज।
- मेसर्स सिंघल मेडिकल्स, लाइफ लाइन हॉस्पिटल, मडया, सदर।
- मेसर्स बाबा मेडिकल्स, पटवध सरैया, कौउटुक सगड़ी।
- मेसर्स बाबा मेडिकल्स, श्री गुरु जी महाराज कटरा, आसिफगंज।
- मेसर्स बाबा मेडिकल एजेंसी, ब्लॉक के सामने, लालगंज।
- मेसर्स प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, जिला महिला अस्पताल।
- मेसर्स प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, रानीपुर, कोइलसा।
- मेसर्स प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, 100 बेड अतरौलिया।
- मेसर्स प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, सी.एच.सी. अतरौलिया।
- मेसर्स प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र, मंडलीय जिला चिकित्सालय।
10 दिन के लिए निलंबित प्रतिष्ठान:
- मेसर्स आलम मेडिकल हॉल, बिंदवल।
- मेसर्स मेडिकल बाजार, चकला कोट चौराहा, सदर।
7 दिन के लिए निलंबित प्रतिष्ठान:
- मेसर्स आस्था मेडिकल एजेंसी, श्रीनगर, सियारहा, सेठारी बाजार।
- मेसर्स संतोष मेडिकल एजेंसी, बिंद्रा बाजार (रानीपुर राजमो)।
जांच में, दुकानों में स्टॉक रजिस्टर में गड़बड़ी, बिना डॉक्टर के पर्चे के नशीली दवाओं की बिक्री, और अन्य नियमों का उल्लंघन पाया गया था। प्राधिकारी ने सभी औषधि विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि वे नियमों का सख्ती से पालन करें, अन्यथा भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम आम जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।
