( रिपोर्ट– ब्यूरो चीफ / चेतन सिंह ) सोनवर्षा राज सहरसा प्रखंड क्षेत्र में आईपीएस अधिकारी हर्षवर्धन सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. सहरसा जिले के सोनवर्षा राज के फतेहपुर पड़रिया गांव में राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया. इसमें सहरसा डीआईजी मनोज कुमार, जिले के एसपी हिमांशु समेत कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे. बता दें कि हर्षवर्धन सिंह रविवार को कर्नाटक के हासन जिले में हिसाल जॉइनिंग के लिए जा रहे थे, लेकिन 10 किलोमीटर उनकी मौत सड़क हादसे में हो गई थी. 26 साल के आईपीएस अधिनाजी हर्षवर्धन सिंह की असमय मौत से इलाके में मातम पसरा है.बता दें कि हर्षवर्धन सिंह 2023 बैच के युवा आईपीएस अधिकारी थे और अपनी पहली जॉइनिंग पर कर्नाटक में योगदान करने के लिए जा रहे थे. इसी दौरान रविवार को देर शाम सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी. हादसा कर्नाटक के हिसाल में हुआ था.
दरअसल, हर्षवर्धन मैसूर के में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कर्नाटक के हिसाल में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर योगदान के लिए जा रहे थे, लेकिन हिसाल पहुंचने से 10 किलोमीटर पहले ही कार, का टायर फट गया और उनका वाहन अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो गया. इस घटना में युवा आईपीएस अधिकारी की मौत मौके पर ही हो गई. एक युवा अधिकारी और प्रतिभाशाली अधिकारी का यूं दुनिया से चला जाना हर किसी को गम में डुबो गया. बिहार के सहरसा जिले के से ताल्लुक रखने वाले आईपीएस हर्षवर्धन सिंह के गांव फतेहपुर पड़रिया में मौत की खबर सुनते ही न सिर्फ गांव में रहने वाले परिजन, बल्कि पूरे इलाके के लोग शोकाकुल हो गए. लोगों ने कहा कि 10 किलोमीटर की यात्रा ही तो रह गई थी उस अधूरे ख्वाब को पूरा करने का जो उन्होंने देश सेवा के लिए देखा था. बता दें कि आईपीएस बनने से पहले हर्षवर्धन ने दो सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया था और यूपीएससी की तैयारी की थी.मृतक हर्षवर्धन के चाचा कमलेश के अनुसार, हर्षवर्धन के पिता अखिलेश सिंह मध्य प्रदेश में एसडीएम हैं, जबकि छोटे भाई आनंदवर्धन आईआईटी इंजीनियर हैं. आनंदवर्द्ध भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. चाचा कमलेश सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन ने इंदौर एनआईटी से बीटेक किया था. हर्षवर्धन की पूरी पढ़ाई मध्य प्रदेश से हुई थी. पिता अखिलेश सिंह के प्रशासनिक अधिकारी रहने के कारण पूरा परिवार मध्य प्रदेश में ही रहता था.
अखिलेश सिंह ने बताया कि दोनों भाइयों का जन्म भी मध्य प्रदेश में ही हुआ था. हर्षवर्धन के छोटे भाई आनंदवर्धन भी आईआईटी दिल्ली से की पढ़ाई पूरी कर यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. चाचा कमलेश सिंह ने बताया कि हर्षवर्धन करीब 2 महीने पहले पंचायत राज पदाधिकारी के रूप में पूर्णिया जिले के बायसी में प्रशिक्षण ले रहे थे, इसी दौरान उनका यूपीएससी का रिजल्ट आ गया था. इंटरव्यू में सफल होने के बाद उन्होंने बिहार सरकार की नौकरी छोड़ दी थी और कर्नाटक जॉइन करने के लिए जा रहे थे, लेकिन उनकी यह यात्रा अधूरी ही रह गई ।
