आजमगढ़ में साहित्यिक महोत्सव; साहित्यिक रूप से बहुत समृद्ध है जनपद, जन-जन को जागरूक करना उद्देश्य— ADM

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आजमगढ़ में शुरू हुआ तीन दिवसीय साहित्य महोत्सव…

आजमगढ़।  साहित्यिक महोत्सव का आजमगढ़ में शुभारम्भ हो गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ भवानन्द संस्कृत महाविद्यालय पुनर्जी की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। कहा कि आजमगढ़ की भूमि साहित्य की दृष्टि से उर्वरा भूमि रही है, यहां के साहित्यकारों ने न केवल देश में बल्कि विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। यह आयोजन उसी साहित्यिक विरासत को नमन करने, संजोने, और उसी परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए नवोदित साहित्यकारों को मंच देने के लिए याद किया जाएगा और यह परम्परा आगे भी जीवित रखी जायेगी। नोडल आजाद भगत सिंह ने कहा कि सफल उद्घाटन के बाद अगले दो दिनों तक 24 और 25 फरवरी को भी महोत्सव की ऊर्जा को बनाये रखा जाएगा। साहित्य और समाज के सम्बन्ध को बनाये रखा जाएगा।

बहुत समृद्ध है जनपद…ADM

इस बारे में जिले के एडीएम वित्त आजाद भगत सिंह का कहना है कि तीनों दिनों तक चलने वाले इस पहले साहित्य महोत्सव के माध्यम से युवाओं को जागरूक किया जाएगा। आजमगढ़ जिला साहित्यिक रूप से काफी समृद्ध रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में यहां पर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के लोग हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें जिले के लोग नहीं जानते हैं। ऐसे में इस कार्यक्रम के माध्यम से इन लोगों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। एडीएम आजाद भगत सिंह का कहना है कि आने वाले समय में इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

हरिऔध कला केन्द्र में मिलेट्स फेस्टिवल

आजमगढ़ जिले के हरिऔध कला केन्द्र में मिलेट्स रेसिपी का भी आयोजन किया गया। कृषि विभाग एवं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसान, आम नागरिक एवं विद्यार्थियों में श्री अन्न के कृषि विकास एवं उसके उपभोग के गुण पर विस्तारपूर्वक व्याख्या की गयी।

विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों ने उपस्थित जन समूह को मिलेट्स के उन्नत प्रजातियों के बुआई एवं उपज को बढ़ाने के विभिन्न तकनीकों के बारे विस्तारपूर्वक जानकारी दी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के निर्देशन में श्री अन्न से बने विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों की प्रदर्शनी एवं विक्रय आजमगढ़ के प्रतिष्ठित मिठाई व रेस्टोरेन्ट संचालकों द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में सावें की खीर, रागी का ढ़ोसा, बाजरे का कटलेट, बाजरे की जलेबी, रागी की इडली, सावां का भात, रागी का उत्पम, कोदो की खीर, बाजरे का लड्डू तथा विभिन्न श्री अन्न के आटें भी प्रदर्शित किये गये।

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