खेती किसानी…….
Phoolpur express
आजमगढ़। बुधवार को ‘‘आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजनान्तर्गत‘‘ कृषक उत्पादक संगठनों की कार्यक्षमता में वृद्धि हेतु श्री विजय कुमार सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक, आजमगढ मण्डल, आजमगढ के सौजन्य से मण्डल स्तरीय कार्यशाला/रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन आयुक्त महोदय, आजमगढ़ मण्डल, आजमगढ श्री मनीष चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, कोटवा, आजमगढ में किया गया।
कार्यशाला/गोष्ठी में जिलाधिकारी, आजमगढ श्री विशाल भारद्वाज तथा मुख्य विकास अधिकारी, मऊ सहित मण्डल के उप कृषि निदेशक भूमि संरक्षण, कृषि रक्षा एवं शोध तथा जनपद आजमगढ, मऊ एवं बलिया से उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, जिला उ़़द्यान अधिकारी, के साथ-साथ उ0प्र0 बीज विकास निगम तथा उ0प्र0 बीज प्रमाणीकरण संस्था के विभागीय तथा कार्मिक प्रतिनिधि, मण्डी समिति के प्रतिनिधि एवं मण्डल के तीनों जनपदों से विभिन्न एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों , क्षेत्रीय कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आयुक्त, आजमगढ मण्डल द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया गया। आयुक्त महोदय द्वारा अपने सम्बोधन में बताया गया कि एफ0पी0ओ0 हेतु सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है तथा डेयरी, बीज उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, इत्यादि क्षेत्रों में एफ0पी0ओ0 के लिये बहुत अच्छा अवसर है। शक्ति पोर्टल पर उपलब्ध आंकडों के अनुसार आजमगढ में 19, मऊ में 13 तथा बलिया में 60 एफ0पी0ओ0 पंजीकृत हो चुके हैं।कार्यशाला में उपस्थित डा0 अपूर्व सिंह, एफ0पी0ओ सलाहकार, राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमानखेडा, लखनऊ द्वारा योजना की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करते हुये बताया गया कि एफपीओ किसानों द्वारा बनाया गया एक स्वयं सहायता समूह है, जहां किसान ही किसान को मदद करते हैं। एफपीओ से जुडे कृषकों को उनके विजनेस माडल के आधार पर सस्ते दामों पर बीज, खाद, उर्वरक ,कीटनाशक, मशीनरी ,ग्रीन हाउस, पाली हाउस, कृषि तकनीक, मार्केट लिंकेज, ट््रेनिंग, नेटवर्किग, आर्थिक मदद तथा तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाता है, ताकि एफ0पी0ओ0 से जुडे किसानों की आय बढ सके और वे आत्मनिर्भर बन सके। जिलाधिकारी श्री विशाल भारद्वाज ने अपने सम्बोधन में कहा कि कृषकों की आय दोगुना करना एक राष्ट्रीय संकल्प है, जिसमें एफ0पी0ओ0 का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। एफ0पी0ओ0 को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिये तथा बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए लीडरशीप, प्रक्रियाओं का ज्ञान तथा मार्केट की समझ को बढाना बहुत आवश्यक है। एफ0पी0ओ0 का गठन एवं संचालन मात्र अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिये नहीं, बल्कि एक सफल बिजनेस माडल के आधार पर किया जाना चाहिये ।
संयुक्त कृषि निदेशक, आजमगढ मण्डल द्वारा एफ0पी0ओ0 से जुडे विभिन्न कार्यक्रमों तथा उससे होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दिया गया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में उपस्थित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियोें तथा के0वी0के0 के विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागी एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों को विभिन्न बिजनेस माडल तथा अनुमन्य सुविधाओं की जानकारी दी गयी।
अन्त में उप कृषि निदेशक (भूमि संरक्षण) आजमगढ मण्डल, आजमगढ द्वारा एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों को कार्यशाला में दी गयी जानकारियों का लाभ उठाने तथा स्थानीय परिस्थितियों व सदस्य कृषको की क्षमता के अनुसार बिजनेस माडल अपनाकर लाभकारी व्यवसाय करने हेतु प्रेरित करते हुये सभी उपस्थित विशिष्ट जनों को आभार एवं समस्त प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये कार्यशा ला का समापन किया गया।