किसानों मजदूरों की हड़ताल में आशाओं ने भी मांग को लेकर भरी हुंकार

हड़ताल……

फूलपुर एक्सप्रेस 

फूलपुर प्रयागराज किसानों मजदूरों की हड़ताल में आशाओं ने सीएचसी पर प्रदर्शन कर हुई शामिल, स्कीम वर्कर्स को परमानेंट करने की मांग।

16फरवरी,प्रयागराज (यमुनापार )

उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन संबद्ध ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू) ने किसानों मजदूरों की हड़ताल का पूर्ण समर्थन करते हुए प्रदर्शन किया। हड़ताल का समर्थन करते हुए भगवतपुर ब्लाक में आशाओं को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश सचिव अनिल वर्मा ने कहा कि सरकार अपने वायदे से लगातार पीछे हट रही है। आशाओं के सवाल पर वार्ता करने को भी तैयार नहीं है। हमें अपना आंदोलन तेज करते हुए सरकार को मजबूर करना होगा कि हमारी मांगे माने।आशा और संगिनी को मिलने वाली राशि को प्रोत्साहन राशि के बजाय उसे मानदेय के रूप में संबोधित किया जाय। तथा उसके भुगतान की प्रणाली में आमूल चूल परिवर्तन करते हुए स्थाई भुगतान न्यूनतम वेतन के बराबर किया जाय।

गोल्डन आयुष्मान कार्ड व दस्तक, वेलनेस सेंटर में योगदान टी बी कुष्ट रोग निरोधक अभियान, पोलियो के विरुद्ध अभियान, हेल्थ प्रमोशन आदि समसामयिक कार्य में योगदान की वर्षों से बकाया अनुलोश राशियों का भुगतान अविलंब किया जाए, यही नहीं जुलाई 2019 राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित प्रतिपूर्ति राशि का आंशिक भुगतान नही किया जाता।कोविड में मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक योगदान के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित कोविड भत्ता रु 1000/ मासिक मैं सिर्फ 5 माह का भुगतान किया गया। शेष कोई 19 माह की प्रोत्साहन राशि का कहीं अता पता नहीं है। यही नहीं राज्य वित से अनुमन्य 1500/ मासिक की प्रतिपूर्ति राशि का भी अधिकांश जनपदों में एक वर्ष से भी ज्यादा समय का बकाया है।अतः समस्त बकाया का आकलन कर सभी का भुगतान तत्काल कराए जाने तथा इस पैसे के हेर फेर के जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मियों के विरु‌द्ध कार्यवाही की जाय।

45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुरूप संगिनी और आशा कर्मियों को राज्य स्वास्थ्यकर्मी के रूप में मान्यता देकर उन्हें न्यूनतम वेतन, मातृत्व अवकाश कार्यस्थलों में सुरक्षा की गारंटी की जाय।46 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुसार सभी आशा कर्मियों व संगीनियों को कर्मचारी

भविष्यनिधि (ई पी एफ) व राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई) का सदस्य बनाया जाय वा विना पैशन व ग्रेच्युटी के भुगतान किसी भी आशा कर्मी की सेवा से निवृत न किया जाए। ज्ञातव्य है कि हरियाणा में सेवा निवृति पर 2 लाख ग्रेच्युटी के रूप में भुगतान का प्रावधान किया गया है।

वर्ष 2015 से अब तक सेवा के दौरान दुर्घटनाओं में और अन्य कारणों से जान गंवाने वाली आशा व आशा सगीनियों के आश्रित को 20 लाख मुवावजा दिया जाए, व अशक्त हो गई आशा व संगीनियों को 10,000 रु मासिक पेंशन दी जाय। गौरतलब है कि बिहार में दुर्घटना मृत्यु पर मुआवजा भुगतान किया जा रहा है।मार पीट, उत्पीड़न पर रोक लगाने के लिए राज्य के सभी चिकित्सालयों को सर्कुलर जारी किया जाए व इस तरह की घटनाओं में जिम्मेदार अधिकारियाँ पर त्वरित कार्यवाही की गारंटी की जाय।यौन हिंसा रोकने के लिए जिला स्तर पर जेंडर सैसटाइजेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट (जीएसबैस) का गठन किया जाए।सभी आशा व आशा संगीनियो को रु 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा व रु 50 लाख का जीवन बीमा कवर दिया जाए।प्रदेश भर में भुगतान के नाम पर सीएचसी/ पीएचसी प्रभारियो, बीसीपीएम सहित अन्य कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली वार्षिक 1000 करोड़ रु से अधिक की घूसखोरी (भयातंकित कर की जाने वाली लूट) को रोकने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया जाय। साक्ष्यों के साथ दी जाने वाली शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए स्वतंत्र प्रकोष्ठ गठित किया जाय। विकास खंड कोरांव सुषमा, गुलाब कली, मेंजा किरन सिंह संध्या श्रीवास्तव, कौंधियारा अंजू शर्मा,अनीता शर्मा रामनगर उषा पटेल, सीमा करछना शशि किरन पांडेय, संगीता शर्मा चाका आशा देवी,सुनीता यादव भगवतपुर रेखा मौर्य, कुसुम लता यह सभी लोग व्लाकों के अध्यक्ष मंत्री हैं। कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

 

रिपोर्ट….प्रिंस मोदनवाल पत्रकार फूलपुर प्रयागराज

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!