रेलवे बोर्ड में लंबित पड़े सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले से संबंधित रेल योजनाओं के स्वीकृत होने से इलाके का होगा कायाकल्प

Share

फाइल फोटो सहरसा जंक्शन

सहरसा बिहार:   कोशी प्रमंडलीय क्षेत्र के सहरसा , मधेपुरा और सुपौल जिले में रेल परियोजनाएं मंथर गति से चल रही है। साथ ही रेलवे बोर्ड में कोसी इलाके से संबंधित सभी महत्वाकांक्षी योजनाएं लबित पड़ी हुई है। जिससे कोसी के तीनों जिले सहित आसपास के इलाके का कायाकल्प नहीं हो रहा है।

रेलवे बोर्ड के ठंडे बस्ते में पड़ी योजनाओं अगर स्वीकृत हो जाए और सभी योजनाएं सरजमीं पर दिखने लगे तो कोसी इलाके के साथ-साथ आसपास के इलाके के लोगों को जहां वेहतर रेल सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी। वही कोसी इलाके में व्यापार के भी कई अन्य रास्ते खुल जाएंगे। जिससे इलाके का कायाकल्प होगा। साथ ही कोसी इलाके में ही कई नई रोजगार का सृजन होगा। जिससे इलाके की तरक्की भी दिखने लगेगी। साथ ही रेलवे को भी कई गुना अधिक राजस्व मिलने लगेगा।लेकिन रेलवे बोर्ड में कोसी इलाके के सभी परियोजनाएं धुक फांक रही है।

रेलवे बोर्ड में कौन-कौन रेल परियोजनाएं हैं लंबित 

वर्षों से रेलवे बोर्ड में ट्रेन संख्या – 22351 और ट्रेन संख्या – 22352 पाटलिपुत्र बेंगलुरु सुपरफास्ट एक्सप्रेस का विस्तार सहरसा तक किए जाने की मांग लंबित है। उक्त ट्रेन के विस्तार की स्वीकृति मिलने से सहरसा का सीधा संबंध दक्षिण भारत से हो जाएगा। यह पहली ट्रेन होगी जो कोसी इलाके से नागपुर , चेन्नई और बेंगलुरु तक जाएगी।

दूसरी लंबित योजना सहरसा से भागलपुर के बीच ट्रेन सेवा फिर से वहाल करने का है। फिलहाल सहरसा से भागलपुर के बीच किसी भी ट्रेन का परिचालन नहीं हो रहा है। जिसके लिए पूर्व में भी कई दफे मांग रेलवे बोर्ड को भेजी गई है। अगर सहरसा से भागलपुर के बीच इंटरसिटी ट्रेन का प्रस्ताव मंजूर होता है। तो कोसी इलाके के लोगों को रेल सेवा का नया रूट मिल जाएगा। लेकिन रेलवे बोर्ड में उक्त योजना पर भी धूल जमी हुई है।

तीसरी योजना जो विगत कई महीनों से रेलवे बोर्ड के पास विचार के लिए पड़ा हुआ है। उसमें ट्रेन संख्या – 13403 और ट्रेन संख्या – 13404 भागलपुर रांची वनांचल एक्सप्रेस भागलपुर में 10 घंटा खड़ी रहती है। ऐसे में उक्त ट्रेन का विस्तार सहरसा तक किए जाने की मांग कई दफे रखी गई थी। उक्त ट्रेन के सहरसा तक विस्तार से कोसी इलाके के लोगों को भागलपुर , देवघर , धनबाद , आसनसोल और तारापीठ तक यात्रा करने में सहूलियत मिल जाएगी।

चौथी परियोजना के तहत ट्रेन संख्या – 13205 और ट्रेन संख्या – 13206 सहरसा पाटलिपुत्र जनहित एक्सप्रेस का विस्तार बक्सर , गाजीपुर सिटी होते हुए बनारस सिटी या बनारस तक किया जाना है। तो कोसी इलाके के लोगों को उचित रेल सुविधा मिल जाएगी। जिससे कोसी का मिलन बनारस से हो जाएगा। साथ ही बनारसी सिटी या बनारस विस्तार के बाद पटना से सहरसा के बीच रात्रिकालीन ट्रेन की मांग पूरी हो जाएगी।

पांचवी परियोजना ट्रेन संख्या – 15283 और ट्रेन संख्या – 15284 जानकी एक्सप्रेस का मनिहारी के बदले सिलीगुड़ी जंक्शन और जयनगर जंक्शन तक परिचालित करने की मांग है।

बता दें कि जानकी एक्सप्रेस अभी घाटे में चल रही है। साथ ही अभी उत्तर बिहार के मधुबनी , दरभंगा , सहरसा , मधेपुरा और पूर्णिया से एक भी ट्रेन सिलीगुड़ी , दार्जिलिंग और गंगटोक जाने के लिए नहीं है। साथ ही समस्तीपुर और खगड़िया से प्रतिदिन अवध आसाम एक्सप्रेस ही है। जिसमें पीक्यू और आरएल कोटा रहने के कारण टिकट नहीं मिलता है। इसलिए लोगों के लिए उक्त ट्रेन मनिहारी की जगह सिलीगुड़ी जंक्शन से जयनगर तक चलाया जाए। जिससे उत्तर बिहार के सहरसा , मधेपुरा , सुपौल , खगड़िया , पूर्णिया , अररिया , कटिहार सहित यह जिले को जनरल कोटा में सिलीगुड़ी प्रतिदिन आने-जाने की ट्रेन सुविधा मिल जाएगी। लेकिन उक्त मांग भी रेलवे बोर्ड में धूल फांक रही है।

सहरसा जंक्शन पर नो रूम की समस्या का निदान 

बता दें कि सहरसा जंक्शन पर लगातार नो रूम की समस्या बनी रहती है। इसे तत्काल कम करने की जरूरत है। जिसकी भी मांग कई बार की जा चुकी है। जिसके तहत ट्रेन संख्या – 05244 समस्तीपुर सहरसा मेमू ट्रेन का विस्तार बनमनखी तक करने की मांग थी। चूंकि उक्त ट्रेन सहरसा में 4 घंटे तक खड़ी रहती है। जिससे एक प्लेटफार्म 4 घंटे तक व्यस्त रहता है। ऐसे में नो-रूम की समस्या बनती है। वही बनमनखी में भी रनिंग रूम उपलब्ध है। ऐसे में अगर उक्त ट्रेन का विस्तार बनमनखी तक किया जाता है तो सहरसा में नो-रूम की समस्या में कमी आएगी। वही ट्रेन संख्या – 03615 और ट्रेन संख्या – 03616 गया जमालपुर स्पेशल ट्रेन का विस्तार सुपौल तक करने की है। उक्त ट्रेन अभी गया से जमालपुर और जमालपुर से सहरसा एक ही रैक से चलती है। उक्त ट्रेन को स्पीडअप कर सीधा गया सुपौल इंटरसिटी एक्सप्रेस बनाकर चलाने की मांग रखी गई थी। जिसे रात के 11 बजे तक सुपौल जाने एवं सुबह 5 बजे सुपौल और 6 बजे सहरसा से निकलकर गया तक भेजी जाए। इससे सुपौल इलाके के लोगों को राज्यरानी एक्सप्रेस और वैशाली एक्सप्रेस की मेल मिल जाएगी।

साथ ही एक प्रमुख मांग सहरसा के वाशिंग पिट के पास एक स्टेबलिंग लाइन का प्रस्ताव एवं दो और स्टेबलिंग लाइन की योजना की स्वीकृति की मांग रखी गई थी। बता दें कि वर्तमान में लंबी दूरी की ट्रेन चलाने के लिए सहरसा में पर्याप्त स्टेबलिंग लाइन का अभाव है। समस्तीपुर मंडल द्वारा तत्काल एक स्टेबलिंग लाइन का प्रस्ताव भेजा गया है। जो कई महीनों से लंबित है। उक्त योजना के स्वीकृत होने से सहरसा जंक्शन पर सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। चूंकि स्टेबलिंग लाइन के अभाव में लंबी दूरी की नई ट्रेन परिचालन नहीं हो पा रहा है।

इनके अलावे सहरसा जंक्शन के प्लेटफार्म -1 के निकट स्थित रैक प्वाइंट को वासिंग पिट के आगे सर्वा ढाला के निकट शिफ्ट कर वहां मेमू और डेमू ट्रेनों के लिए 4 नए प्लेटफार्म का निर्माण की भी मांग रखी गई थी। जिससे पूर्णिया समस्तीपुर जाने वाली सभी मेमू ट्रेन उक्त स्थल से खोला जा सके। साथ ही समस्तीपुर डिवीजन के अंतर्गत सहरसा मानसी और खगड़िया समस्तीपुर रेलखंड पर विगत कुछ सालों से काफी दबाव बढ़ गया है। जिसके कारण ट्रेन के सुचारू परिचालन में दोनों रेलखंड का दोहरीकरण अत्यंत आवश्यक बताते हुए। इसकी भी मांग रखी गई थी। वर्ष 21-22 में खगड़िया समस्तीपुर रेलखंड का ट्रैक यूटिलाइजेशन 119 फीसदी जबकि सहरसा मानसी लाइन का 84 फीसदी रहा है। सिंगल लाइन रहने के कारण ट्रेन के परिचालन में विलंब हो रहा है।
वही सहरसा जंक्शन से कारू ख़िरहरी होल्ट के बीच सीधी लाइन बिछाकर सहरसा में ट्रेन इंजन रिहर्सल की समस्या का निदान किया जा सकता है। जिसकी भी मांग कई दफे की जा चुकी है।

क्या कहते हैं रेल अधिकारी 

हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सहरसा , मधेपुरा ,सुपौल के लिए कई योजनाओं को स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड भेजा गया है। जहां से स्वीकृति मिलते हैं योजनाओं पर अमल किया जाएगा।

 

 

बिहार वरिष्ठ पत्रकार चेतन सिंह 

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ गई
error: Content is protected !!