सकारात्मक पत्रकारिता लोकतंत्र की दिग्दर्शक होती है……..अखिलेश यादव
फूलपुर एक्सप्रेस
लखनऊ। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारतीय राजनीति को ऐसे ही नहीं प्रयोगधर्मी कहा जाता है, यहां नित नए-नए प्रयोग लोकतंत्र की उच्च गरिमा को छूने के लिए किया जाता है, इसी व्यवस्था और गरिमा को और बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, वर्तमान में सांसद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक अलग ही घोषणा कर दिए जिससे लोकतंत्र में आलोचकों की गर्व, सम्मान को पुनर्स्थापित करने के लिए एक सार्थक कदम माना जा रहा है, इसके लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने (घोषणा ) सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया है कि
समाजवादी पार्टी ‘सर्वश्रेष्ठ समालोचक सम्मान’ के लिए एक आंतरिक समिति गठित करने की घोषणा करती है। ये समिति प्रति वर्ष ऐसे एक समालोचक को सम्मानित करेगी, जिनकी समालोचना से कार्य से लेकर कार्यशैली तक में सकारात्मक सुधार हुआ। इस समिति की संस्तुति के आधार पर ही ‘सर्वश्रेष्ठ समालोचक सम्मान’ की घोषणा की जाएगी।
सकारात्मक पत्रकारिता लोकतंत्र की दिग्दर्शक होती है। मीडिया की भूमिका तीसरी आँख जैसी होती है, उसका निष्पलक होना, सरकारों को सजग, सतर्क और सचेत करता है।
समालोचना की स्वीकार्यता सशक्त, समर्थ, एवं स्वस्थ मन-मानस का प्रतीक होती है।
फिलहाल अखिलेश यादव के पोस्ट के जरिए निकली यह बात भारतीय राजनीति में पक्ष विपक्ष दोनों खेमे के आलोचकों, पत्रकारों, लेखकों द्वारा सराहा जा रहा है।