जाँच रिपोर्ट में भू माफिया चिरैयाकोट चेयरमैन रामप्रताप यादव का खुल गया राज!

आई जी आर एस की एक रिपोर्ट में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उगले कई राज…..

फूलपुर एक्सप्रेस 

मऊ। जनपद के नगरपंचायत चिरैयाकोट आई जी आर एस की एक रिपोर्ट में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने वर्तमान चेयरमैन भु माफिया रामप्रताप यादव की हिस्ट्री खोल कर रख दिया है। उन्होंने रिपोर्ट में बताया है कि इनके पिता बैजनाथ यादव कई बार लगातार प्रधान रहे हैं। जो अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने ही परिवार के लोगों को सरकारी पोखरी, ऊसर, बंजर, भीटा ,

ग्रामसभा की सरकारी भूमि को फर्जी तरीका से अपने नाम करवा लिए है। और वर्तमान में चिरैयाकोट चेयरमैन पद पर बैठे रामप्रताप यादव मुंहमांगा पैसा लेकर लोगों का उस ज़मीन पर घर बना रहे हैं। जिनपर कई अहम सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि जब चकबंदी आई ही नहीं तो सरकारी भूमि उनके नाम से कैसे हो गई, क्या उड़ान चक आ गया या आबादी कटवा ली लेकिन समस्या इस बात की है। कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हो या उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं को तार-तार करते हुए नजर आ रहा है नगर पंचायत चिरैयाकोट का अध्यक्ष राम प्रताप यादव राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने लिखित तौर पर बताया है। कि नगर पंचायत चिरैयाकोट के वलीनगर में खाता, गाटा संख्या सरकारी पोखरी 9/1 रकबा 227 हेक्टेयर सुरेंद्र पुत्र दीपचंद राम प्रताप और जय प्रताप पुत्रगढ़ बैजनाथ यादव, लीलावती पत्नी बैजनाथ यादव आदि के नाम संक्रमणीय भूमि दर्ज है। गाटा संख्या 7/2 रकबा 295 हेक्टेयर उमानाथ पुत्र सकलदीप, अशोक सिंह पुत्र हंसनाथ कुसुम सिंह पत्नी अशोक सिंह,फूलचन्द पुत्र शिवनाथ निवासी टेलहुवा, लीलावती देवी पत्नी बैजनाथ यादव निवासी मनाजीत के नाम से संक्रमणीय भूमिधर के नाम से दर्ज है। अब मन मस्तिक दिल को झकझोर देने वाली बात तो यह है कि पूर्व में पोखरी के नाम से दर्ज थी आखिर किस प्रभाव में उपजिला अधिकारी मोहम्मदाबाद गोहाना ने उनके नाम से दर्ज कर दिया है। क्या यह लोग भूमिहीन थे। क्या प्रधान बैजनाथ यादव के पास रहने के लिए कोई जमीन नही थी।

राजस्व कर्मचारी ने बयान करते हुए कहा यह भी कहा है कि सरकारी भूमि को धारा 2298 के तहत सतीराम पुत्र गंगा निवासी मनाजीत वर्तमान प्रधान बैजनाथ यादव के परिवार के नाम से 1984 में भूमिधर दर्ज किया है। इतना ही नहीं नगर पंचायत चिरैयाकोट के जोत बही में गाटा संख्या 6 रकबा 577 हेक्टेयर जो पूर्व में सरकारी पोखरी के खाता में दर्ज रही है। जो 1384 फ़ में 30,01,1978 को रामनरेश,मुरेश, सुरेश,धनीराम,मनीराम व सती राम पुत्रगढ़ जयकरन निवासी मनाजीत निवासी बैजनाथ यादव के परिवार के लोगों के नाम से पट्टा होकर दर्ज की गई है। वर्तमान अभिलेख में अंकित है क्षेत्रीय जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना बड़ा चेयरमैन रामप्रताप का इतिहास रहा है। कि किसानों की जमीन में और सरकारी भूमि खेलकूद के मैदान आदि की जमीन में गुंडई के बलपर जबरियन विद्यालय खोलकर पैसा वसूल रहे हैं। पीड़ित किसान दर दर की ठोकरे खाकर फिरते नजर आ रहे हैं लाखों शिकायत उच्च अधिकारियों तक की गई मगर कोई कार्रवाई नहीं होती है, अध्यक्ष राम प्रताप यादव की तूती बोलती है जो भी कोई विरोध में आता है उसको किसी ने किसी तरह से चुप करा दिया जाता है, यहां तक की इनके रसूख आगे अधिकारी भी नतमस्तक हो जाते हैं।

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