सड़कों के चौड़ीकरण में हरे पेड़ों की कटाई पर वन महानिरीक्षक सख्त, रिपोर्ट तलब!

शहर की 41 सड़कों के चौड़ीकरण के लिए नौ सौ से अधिक पेड़ काटने के लिए चिह्नित किए गए हैं……

फूलपुर एक्सप्रेस 

प्रयागराज। महाकुंभ के तहत सड़कों के चौड़ीकरण के लिए हरे पेड़ों को काटे जाने के मामले की जांच शुरू हो गई है। सहायक वन महानिरीक्षक (वन सुरक्षा) डॉ. शोभिता अग्रवाल ने पेड़ों को शिफ्ट करने की बजाए काटने की जांच प्रधान मुख्य वन संरक्षक को सौंपी है। शहर की 41 सड़कों के चौड़ीकरण के लिए नौ सौ से अधिक पेड़ काटने के लिए चिह्नित किए गए हैं। इनमें से दो सौ से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं।हरियाली से सुसज्जित इस शहर में महाकुंभ की दिव्यता – भव्यता के लिए सड़कों के सुंदरीकरण और चौड़ीकरण की परियोजनाओं के तहत तीन हजार से अधिक पेड़ काटे जाने थे। इस बीच सिविल लाइंस के एमजी मार्ग, जार्ज टाउन में सीवाई चिंतामणि मार्ग के अलावा परेड में हरे पेड़ों की कटाई की शिकायत राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की अनुश्रवण समिति के सदस्य कमलेश सिंह ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से की है। इसमें उन्होंने कहा है कि कुंभ मेला क्षेत्र के परेड में अंधाधुंध हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। इससे मेला क्षेत्र से लेकर पूरे जिले में आक्सीजन की कमी हो जाएगी। अभी कई पेड़ों पर निशान लगाए गए हैं, जिन्हें काटा जाना है। जबकि, इन पेड़ों को काटने की बजाए दूसरी सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा सकता है। इससे भूजल स्तर भी गिरने का खतरा है। गंगा, यमुना समेत 13 सहायक नदियों में वैसे भी जलस्तर लगातार तेजी से गिर रहा है। ऐसे में कुंभ के नाम पर हरे पेड़ों की बलि नहीं दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि महायोजना के तहत जिन सड़कों का चौड़ीकरण किया जाना है, वहां काम शुरू करने से पहले आक्सीजनदायी पौधों का रोपण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वरना इस तरह हरे पेड़ों को काटना जिले की 70 लाख से अधिक आबादी के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस पर सहायक वन महानिरीक्षक (वन सुरक्षा) ने संज्ञान लिया है।

उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक को इस मामले की जांच का आदेश दिया है। कहा है कि इस मामले की जांच की जाए। आखिर बिना शिफ्टिंग के उपायों पर अमल किए पेड़ कैसे काटे जा रहे हैं। सहायक वन महानिरीक्षक शोभिता ने इस मामले में मौजूदा अधिनियमों और अन्य प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए भी प्रधान मुख्य वन संरक्षक को निर्देशित किया है।

इस मामले में पीडीए के अफसरों का कहना है कि जिन पेड़ों को बचाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है, वही काटे जा रहे हैं। इसके लिए हाईकोर्ट के निर्देशन में बनी कमेटी की ओर से चौड़ीकरण की जद में आने वाले पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई है। इस कमेटी में डीएम नवनीत सिंह चहल भी शामिल हैं। जितने पेड़ कटेंगे उनकी तुलना में 10 गुना अधिक पेड़ लगाए जाएंगे, ताकि ग्रीन कुंभ का सपना साकार हो सके।रेलवे ने पिछले वर्षों में जिले में दारागंज, झूसी समेत कई जगहों पर निर्माण के दौरान बाधा बनने वाले 12 पेड़ों की सफलतापूर्वक शिफ्टिंग कराकर मिसाल पेश की है। रेलवे विकास निगम के महाप्रबंधक वीके अग्रवाल के मुताबिक परेड और आसपास के इलाकों में इन पेड़ों की शिफ्टिंग कराई गई थी। इनमें से 11 पेड़ बचा लिए गए हैं।

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