सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में निधन, उन्होंने मुंबई में ली आखिरी सांस, निवेशकों की बढ़ी धड़कने क्या मिलेगा इनका पैसा

दुखद…

सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनका पार्थिव शरीर बुधवार को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी.

 

मुंबई। सुब्रत रॉय सहारा का जन्म बिहार में मध्यम वर्गी परिवार में 10 जून 1948 को हुआ था. वे भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे. उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था जन्में सुब्रत रॉय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने सरकारी तकनीकी संस्थान, गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। सुब्रत रॉय 1976 में सहारा फाइनेंस से जुड़े और बाद में उन्होंने कंपनी की कमान अपने हाथों में ले ली। इसके बाद 1990 के दशक में वह लखनऊ चले आए और यहां कंपनी का हेडक्वार्टर बनाया। इसी साल, सुब्रत रॉय ने 217 आत्मनिर्भर टाउनशिप को कवर करते हुए सहारा सिटी परियोजना शुरू की। इसके बाद तो इनके बिजनेस का साम्राज्य फैलता ही चला गया।

बात करें उनके साम्राज्य की तो फाइनेंस, रीयल एस्टेट, मीडिया, हेल्थकेयर, एंटरटेनमेंट, कंज्यूमर गुड्स और टूरिज्म समेत कई क्षेत्रों में निवेश करने वाले सहारा का बिजनेस साम्राज्य विदेशों तक फैला हुआ है, लेकिन सहारा कंपनी और सुब्रत राय पर काले बादल तब छा गए जब वित्तीय मामलों में अनियमित वह अन्य कानूनी प्रावधानों के उलट कंपनी ने व्यापारिक विस्तार किया व शेयर मामले की रेगुलेटरी अथॉरिटी संस्था सेबी के जरिए जांच की कार्रवाई होने के बाद कंपनी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ा नॉन बैंकिंग कंपनी होते हुए भी सहारा का लेनदेन एक बैंकिंग सिस्टम के अंतर्गत चलता था इसके बाद हुई सख्त कार्रवाई से निवेशकों का पैसा डूबने के कगार पर पहुंच गया सुब्रत राय को दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा और 2016 में वे पैरोल पर बाहर आए. प्रॉपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया था. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सुब्रत, नवंबर 2020 में 62 हज़ार 600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पैरोल रद्द कर दी जाए।

सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. उनका मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था बुधवार को उनकी मौत हो गई

हालांकि पिछले कुछ महीनो से इस मामले में निवेशकों को राहत मिली थी। लेकिन सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के साथ निवेशकों का पैसा डूबने का अफ़वाह या खबरें खूब चल रही हैं

अब सहारा के पैसे कैसे मिलेंगे? ऐसे तमाम सवाल आज करोड़ों निवेशकों की जुबान पर हैं। करोड़ों निवेशकों ने सहारा ग्रुप की 4 कोऑपरेटिव सोसाइटीज में अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी। लंबे इंतजार के बाद लोगों को अपने जमा पैसे मिलने की आस जगी थी, सहारा चीफ के निधन के साथ ही क्या यह आस खत्म हो गई है या फिर उनका पैसा वापस मिलेगा? आइए जानते हैं कि निवेशकों को मिलने वाले रिफंड का अब क्या होगा…..

कंपनी के इन चारों योजनाओं के जरिए सहारा के निवेशकों को पैसा मिलेगा। पोर्टल पर कहा गया है, “जमाकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सभी चार समितियों से संबंधित सभी दावों को एक ही दावा आवेदन पत्र में प्रस्तुत करें। केवल पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज किए दावों पर ही विचार किया जाएगा । दावा प्रस्तुत करने के लिए कोई शुल्क नहीं है। किसी भी तकनीकी समस्या हेतु आप दिए गए समिति के टोल फ्री नंबरों ( 1800 1036891 / 1800 103 6893) पर संपर्क करें। “बता दें इससे पहले शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने 11 साल में सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किए हैं। इसके साथ ही स्पेशल तौर से खोले गए बैंक खातों की गई रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। निवेशकों का पैसा सेबी के पास है और ऑनलाइन आवेदन करने वालों को मिलना तय है।

 

 

सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत राय के मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर को लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी, वहीं उनकी मौत पर जहां समाजवादी पार्टी के ऑफीशियली ट्विटर हैंडल से शोक व्यक्त किया गया तो वही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दुख जताया वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया साथ ही फिल्मी जगत से जुड़े लोगों सहित उद्योग जगत के हस्तियों ने भी दुख व्यक्त किया है।

स्कोप्जे: सहारा श्री के नाम से प्रसिद्ध सुब्रत रॉय का मुंबई के अस्पताल में निधन के बाद उनकी गिनती भारत के एक बड़े कारोबारी के तौर पर होती थी। सुब्रत रॉय ने भारत में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की थी लेकिन उनका खुद का परिवार ही भारतीय नागरिकता को छोड़ विदेश में निवास करता है हालांकि यह प्रक्रिया कानूनी दाव पेट से बचने के लिए उठाया एक कदम हो सकता है लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि सहारा श्री सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय और बेटे सुशांतो रॉय ने भारत की नागरिकता को छोड़कर बॉल्कन देश मैसेडोनिया की नागरिकता ले ली थी। उन्होंने यह नागरिकता भारतीय कानून से बचने के लिए ली थी। सहारा श्री के खिलाफ निवेशकों का पैसा न लौटाने को लेकर कई मामले चल रहे थे। ऐसे में उनके परिवार के सदस्यों ने दूसरे देश की नागरिकता लेकर खुद को भारतीय कानून से दूर करने की कोशिश की थी। सुब्रत रॉय के जाने के बाद 2.59 लाख करोड़ नेट वर्थ वाला सहारा ग्रुप किसके हाथ में जाएगा, यह स्पष्ट नहीं है. उन्होंने बेटों या पत्नी में से किसी को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था ।

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