राजस्थान में 1344 न्यायिक अधिकारियों में से 562 महिला हैं। वर्ष 2021-22 में 120 पदों पर 71 महिलाओं का चयन हुआ। ऐसा बदलाव पूरे देश में होना चाहिए
जयपुर। देश के प्रधान न्यायाधीश डॉ. डीवाई चन्द्रचूड़ ने कहा कि राजस्थान पूरे देश की न्यायपालिका के लिए बदलाव का चेहरा है। यहां 1344 न्यायिक अधिकारियों में से 562 महिला हैं। वर्ष 2021-22 में 120 पदों पर 71 महिलाओं का चयन हुआ। ऐसा बदलाव पूरे देश में होना चाहिए। सूचना का अधिकार को लेकर राजस्थान में हुए में आंदोलन से भी वे प्रभावित नजर आए। सीजेआई ने शनिवार को यहां राजस्थान हाईकोर्टकी स्थापना के प्लेटिनम जुबली वर्ष के शुभारम्भ के लिए आयोजित समारोह को संबोधित किया। अवसर पर सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश संजय किशन कौल, सूर्यकांत, एस रविन्द्र भट्ट बेला एम. त्रिवेदी, पंकज मित्तल व राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह व न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की मौजूदगी राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित प्रधानपीठ और जयपुर पीठ के साथ जयपुर की कॉमर्शियल कोर्ट में पेपरलैस व्यवस्था तथा हाईकोर्ट के टेलीग्राम चैनल की लॉन्चिंग की गई। राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली वर्ष में प्रवेश पर सत्य की जय हो.. लोगो व (ध्येय) तथा हाईकोर्ट में अब तक न्यायाधीशों के चित्रों की डिजिटल गैलरीको भी लॉन्च किया गया। समारोह में सीजेआई ने कहा कि जानने का अधिकार जीने का अधिकार से जुड़ा है, जिसके लिए ब्यावर में हुए आंदोलन का सीजेआई के रूप में मुझ पर प्रभाव हुआ। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट में लिफ्टमैन और ड्राइवर से हुई बातचीत का हवाला देकर कहा कि वे बच्चों को सीए, कंप्यूटर इंजीनियर व डॉक्टर बनाना चाहते हैं, इन कर्मचारियों के बारे में पुरानी सोच को बदलना होगा। सीजेआई चन्द्रचूड़ ने कहा कि कोविड काल में एक न्यायाधीश ने जोधपुर व दूसरे ने जयपुर बैठकर वीसी के जरिए खंडपीठ में सुनवाई की, जो क्लासिकल उदाहरण है। राजस्थान में हाईकोर्ट व लॉअर कोर्ट में आईटी सहित आधारभूत सुविधाओं में आए बदलाव को लेकर कहा कि यहां चेंज आया है, अन्य राज्य स्तर पर अभी यह देखने को नहीं मिल रहा।