जिउतिया व्रत: मंदिरों में गूंजी मंत्र और पूजा, माताओं ने निर्जला उपवास कर मांगी संतान की लंबी उम्र

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पुत्रों की खुशहाली के लिए जिउतिया व्रत की आस्था में डूबीं माताएं

फूलपुर, आजमगढ़ : पुत्रों की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना के लिए माताओं ने बुधवार को जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत श्रद्धा और विश्वास के साथ रखा। हजारों महिलाओं ने इस कठिन व्रत का पालन करते हुए पूरे दिन निर्जला (बिना पानी और भोजन के) उपवास किया। विभिन्न मंदिरों और पूजा स्थलों पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया।

आस्था और परंपरा का संगम

यह व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत का सीधा संबंध भगवान जीमूतवाहन से है, जिन्होंने अपने त्याग से एक नागवंश को मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाई थी। माताओं का मानना है कि इस व्रत के पालन से उनकी संतान सभी संकटों से सुरक्षित रहती है।

पूजन विधि और बाजार की रौनक

व्रत के दिन की शुरुआत परंपरागत तरीके से हुई। सुबह उठकर महिलाओं ने सबसे पहले घर की सफाई और आसमान किए और यथाशक्ति दान-पुण्य किया। इसके बाद वे पूजा की सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में उमड़ पड़ीं, जिससे बाजार में काफी रौनक रही। दोपहर और शाम के समय महिलाएं अपने बच्चों के साथ मंदिरों और विशेष रूप से बनाए गए गोठ स्थलों पर एकत्रित हुईं। वहां उन्होंने पूजा की और विधि-विधान से व्रत की कथा सुनी।

मंदिरों में उमड़ी भीड़

नगर के प्रमुख मंदिरों फूलपुर नगर के बाबा परमहंस मंदिर, हनुमान जी मंदिर और भवानी माता मंदिर, शंकर जी तिराहा जैसे प्रमुख स्थानों और ग्रामीण इलाकों के मंदिरों में भी माताओं की भारी भीड़ देखी गई। माताओं ने अपनी संतान की भलाई के लिए भगवान से प्रार्थना की। इस दौरान पारंपरिक लोकगीत भी गाए गए, जिससे पूरे वातावरण में भक्ति और आस्था का माहौल बना रहा।

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