2024 Loksabha (election) exit Pol……
Phoolpur express
दिल्ली, लखनऊ। भारत का चुनाव आयोग संभवत इसी हफ़्ते के अंत में लोकसभा चुनाव की तारीखों का घोषणा कर सकता है, और भाजपा, कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. वहीं, लोकसभा सीटों के हिसाब से सबसे ज्यादा नंबर (80सीट)अपने पास रखने वाली उत्तर प्रदेश में अभी से सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (एनडीए) का मुकाबला करने के लिए समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन(इंडिया) किया है.
भारतीय जनता पार्टी सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य में एनडीए में शामिल दलों के साथ मैदान में उतरेगी. यूपी में बीजेपी के साथ अपना दल, राष्ट्रीय लोकदल, और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चुनाव लड़ रही हैं. माना जा रहा है यूपी में बीजेपी पिछली दो बार की तरह ही प्रचंड जीत हासिल कर सकती है।
कई सर्वे में बीजेपी की बंपर जीत
इस सोमवार को देश में CAA भी लागू हो गया लेकिन इस के पूर्व ही फरवरी मार्च के बीच टाइम्स नाउ नवभारत ईटीजी ने एक सर्वे किया है. इस सर्वे में बीजेपी के नेतृ्त्व वाले एनडीए को बंपर जीत मिलती नजर आ रही है. सर्वे के मुताबिक के यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से एनडीए 72 से 78 सीटों पर जीत हासिल कर सकता है. वहीं इंडिया गठबंधन के खाते में 2 से 6 सीट जा सकती हैं, जबकि मायावती की बीएसपी को 0 से 1 सीट मिल सकती है.
मूड ऑफ द नेशन सर्वे में भी बीजेपी आगे
इससे पहले इंडिया टुडे ने मूड ऑफ द नेशन सर्वे के किया थे. सर्वे ने उस वक्त यूपी में भाजपा को 80 में 72 सीट जीतने का अनुमान लगाया था. वहीं, सर्वे में विपक्षी गठबंधन को 8 सीट और बीएसपी को शून्य सीट मिलने का अनुमान लगाया गया था. हालांकि उस समय राष्ट्रीय लोकदल भी इंडिया गठबंधन में शामिल थी, जो अब एनडीए का हिस्सा है।
2019 में यूपी में बीजेपी, सपा, बसपा , कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहा
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. जी की वोट बैंक के हिसाब से एक बड़ी गठरी मानी जाती है, उसके बावजूद बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 64 सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं सपा के खाते में 5 और बीसपी 10 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी. और वहीं कुछ ही महीनों बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा के हाथ से आजमगढ़, और रामपुर सीट चली गई जिसपर बीजेपी जीती।
इस चुनाव में सामाजवादी पार्टी (सपा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद)- के साथ गठबंधन था. इस गठबंधन को अपराजेय माना जा रहा था. लेकिन मामला वही ढाक के वही तीन पात. ही साबित हुआ गठबंधन में बसपा को भले ही लाभ हुआ. उसने 10 सीटें जीत लीं, लेकिन बाकी दो दल जहां के तहां रह गए. मुलायम परिवार के तीन सदस्य चुनाव हार गए. रालोद अपने हिस्से की तीनों सीटें हार गया. इस चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव क्रमश: आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. मगर उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों को हार का सामना करना पड़ा. अखिलेश की पत्नी डिम्पल यादव को कन्नौज सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के हाथों 12,353 मतों से परास्त होना पड़ा. इसके अलावा फिरोजाबाद सीट से अखिलेश के चचेरे भाई अक्षय यादव और बदायूं सीट से एक अन्य चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को अपनी-अपनी सीट गंवानी पड़ी. मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की जीत का अंतर 2014 के मुकाबले केवल एक-चौथाई रह गया।
2004 के लोकसभा आम चुनाव में क्षेत्रीय दलों का यूपी में दिखा था दबदबा, इसके बाद घटती गई लोकप्रियता
इसी बीच सोमवार 11/03/2024 को कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश में अपना बिना शर्त समर्थन देते हुए मूलनिवासी समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीमसेन भारशिव एवं हिस्सेदारी घटक दल मोर्चा के संयोजक दीपक साहनी, समता समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश मौर्या, सत्य बहुमत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखराम प्रसाद, लोक विधान पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियतोष राव ने संयुक्त बयान में कहा कि वह कांग्रेस की नीतियों के पक्ष में हैं और वह कांग्रेस को बिना किसी शर्त के समर्थन दे रहे है। हालांकि इन क्षेत्रीय पार्टियो के समर्थन से चुनावी सर्वे पर कोई प्रभाव होता नही दिख रहा, एग्जिट पोल अपने ही पूर्व अनुमानित आंकड़ों पर प्रभावी ढंग से खड़े हैं।
रिपोर्ट….मीडिया सर्वे, श्रोत