यूपी, विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का एलान, सपा भाजपा में सीधी टक्कर, कांग्रेस के बाद अब बसपा भी होगी शून्य

एमएलसी (विधायक) चुनाव….

Phoolpur express 

लखनऊ। देश में लोकसभा के चुनाव को लेकर राजनीतिक समीकरण गुणा गणित के साथ राजनीतिक पारा हाई लेबल पर बना रहा है तो उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां राज्यसभा चुनाव के लिए जोड़ तोड़ और रणनीतियों का बनना बिगड़ना जारी है तो इसी बीच उत्तर प्रदेश के विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. बताया गया कि इसके लिए 4 मार्च को अधिसूचना जारी होगी और 11 मार्च को नामांकन का अंतिम दिन होगा. नामांकन पत्रों की जांच 12 मार्च को होगी, और नाम वापसी 14 मार्च तक हो सकेगी.

इस संबंध में बता दें 13 सीटों के लिए वोटिंग 21 मार्च को होगी और वोटो की गिनती भी उसी दिन होगी. यह भी है कि सपा से अलग हो कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी एमएलसी सीट छोड़ दी है, उस पर भी अधिसूचना 20 फरवरी से जारी है, उस सीट पर कभी भी चुनाव हो सकता है.

प्रदेश के 13 MLC सदस्य जिनकी सीट हो रही है खाली

यशवंत सिंह (भाजपा) 

विजय बहादुर पाठक (भाजपा)

विद्यासागर सोनकर (भाजपा)

डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल (भाजपा) 

नरेश चंद्र उत्तम (सपा) 

भीमराव अंबेडकर (बसपा) 

आशीष पटेल (अपना दल एस) 

अशोक कटारिया (भाजपा) 

अशोक धवन (भाजपा)

बुक्कल नवाब (भाजपा)

महेंद्र कुमार सिंह (भाजपा) 

मोहसिन रजा (भाजपा)

निर्मला पासवान (भाजपा)

इन 13 सीटों पर होने वाले चुनाव में बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ 10 सदस्य को विधान परिषद में पहुंचाने का काम करेगी. वहीं तीन सदस्य समाजवादी पार्टी के भी सदन में पहुंचेंगे, जब की बीएसपी दशकों बाद विधानपरिषद में शून्य होने जा रही है, कांग्रेस पहले ही विधान परिषद में शून्य हो चुकी है. एमएलसी चुनाव में एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 33 विधानसभा सदस्यों की आवश्यकता होगी. इस आंकड़े के अनुसार बीजेपी और उसके सहयोगी दल 10 सदस्य जिता ले जाएंगे. उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 13 सीटों पर 21 मार्च को वोट डाले जाएंगे. 5 मई को जिन सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है उनमें बसपा के एकमात्र विधान परिषद सदस्य भीमराव अंबेडकर की सीट भी है. जो अब बसपा के हाथ से चली जाएगी।

पहले कांग्रेस विधान परिषद में अब बसपा भी हो जाएगी शून्य सदस्य 

कभी प्रदेश की सत्ता में प्रमुख भूमिका निभाने वाली बसपा के पास अब अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है. केवल एक विधायक विधानसभा में है. ऐसे में बसपा का कोई भी सदस्य विधान परिषद नहीं पहुंच पाएगा. इस सीट पर भी बीजेपी आसानी से अपने उम्मीदवार को जीत दिला लेगी. जाहिर है इस चुनाव में बसपा का उम्मीदवार जीतना बेहद मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में कांग्रेस की ही तरह बीएसपी भी विधान परिषद में शून्य हो जाएगी.

       कैसे होगी चुनावी प्रक्रिया

एमएलसी चुनाव में सपा और भाजपा के 13 ही उम्मीदवार अगर मैदान उतरते हैं तब चुनाव की उम्मीद नहीं रहेगी. लेकिन 14 उम्मीदवार अगर मैदान में उतरे तो राज्यसभा की ही तरह 14वें सीट पर चुनाव की नौबत आ जाएगी. यूपी विधान परिषद में इस समय 100 एमएलसी हैं. जिसमें 38 सदस्यों का चुनाव यूपी विधानसभा के एमएलए द्वारा किया जाता है. वहीं 36 सदस्य स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा चुने जाते हैं, इसके साथ ही 8 सदस्य स्नातकों द्वारा चुने जाते हैं. वहीं 8 सदस्य शिक्षकों द्वारा चुने जाते हैं और 10 सदस्यों को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा नामित किया जाता है.

इस चुनाव में जनता वोट नहीं करती है बल्कि जनता के जनप्रतिनिधि इसमें वोट करते हैं. विधान परिषद के एक तिहाई सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका,नगर पंचायत ,जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं. इसके अलावा एक तिहाई सदस्यों को विधायक चुनते हैं. वहीं 1/12 सदस्य शिक्षक और 1/12 सदस्य रजिस्टर्ड ग्रेजुएट द्वारा चुने जाते हैं

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