नए क़ानून? छोटे-मोटे अपराध में अब से इन लोगों की नहीं होगी सीधे गिरफ्तारी? जाने लेनी होगी किसकी अनुमति!

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नए क़ानून में विमार, बुजुर्ग को मिल सकती है कुछ राहत, तो तेज़ी से होगा वाद का निपटारा ….

फूलपुर एक्सप्रेस 

नई दिल्ली, प्रयागराज। छोटे-मोटे अपराध में अब बीमार और बुजुर्ग व्यक्ति की गिरफ्तारी सीधे नहीं होगी। मुकदमे की विवेचना करने वाले दारोगा या इंस्पेक्टर को गिरफ्तारी से पहले अपने उच्चाधिकारी से अनुमति लेनी होगी इजाजत मिलने पर ही ऐसे आरोपित को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उच्चाधिकारी की अनुमति बिना गिरफ्तारी को वैध नहीं माना जाएगा। वहीं, आम जनता की जानकारी को सुलभ करने के लिए थाना, जिला मुख्यालय पर एएसआइ स्तर के अधिकारी को गिरफ्तार व्यक्तियों के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रविधान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 37 में किया गया है। पुलिस भी छोटे-छोटे अपराध में दबिश देकर बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति को तत्काल नहीं गिरफ्तार कर पाएगी।

 

किसी भी मुकदमे की विवेचना करने वाले विवेचक के लिए यह आवश्यक कर दिया गया है कि वह 90 दिनों के भीतर विवेचना की प्रगति के बारे में वादी मुकदमा और पीड़ित व्यक्ति को बताएगा। ई- मेल या वाट्सएप के जरिए भी प्रगति के बारे में अवगत करा सकता है। इसका प्रविधान भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 193 (3) में किया गया है।एसीपी श्वेताभ पांडेय ने कहा कि नए कानून में अपराध से संबंधित मामले में बीमार या बुजुर्ग की गिरफ्तारी से पहले एस पी या डिप्टी एसपी से अनुमति लेना आवश्यक होगा।

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