दलितों में युवा वर्ग के सर्वाधिक लोकप्रिय चेहरा……..
फूलपुर एक्सप्रेस
लखनऊ। आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने नगीना में नया इतिहास लिख दिया। उन्होंने यहां भाजपा के ओम कुमार को 1 लाख 51 हजार 473 वोटों से हराया। पिछले 10 सालों में यूपी के अंदर यह पहला मौका है, जब सपा-बसपा, अपना दल (एस) और भाजपा के अलावा किसी पार्टी से कोई सांसद बना। चंद्रशेखर को दलितों ने एकतरफा वोट दिया। यहां बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह को सिर्फ 13 हजार 272 वोट मिले। 2019 में यहां बसपा ने जीत दर्ज की थी।
आखिर चंद्रशेखर की रणनीति क्या थी? इंडी गठबंधन से टिकट नहीं मिलने के बाद खुद की पार्टी से चुनाव लड़ने का फैसला किया? एकमात्र वर्ग के हितैषी होने का उन्होंने हर वर्ग से मिलकर और 50% दलित-मुस्लिम वोटों के जरिए कामयाबी हासिल की
पश्चिमी यूपी के रुहेलखंड में आने वाली नगीना सीट एससी आरक्षित है। यहां 22% दलित और 28% मुस्लिम वोटर हैं। जिस प्रत्याशी को इनका समर्थन मिल गया, उसकी जीत तय है। 2019 में यहां बसपा के गिरीश जाटव को 56.3% वोट मिले थे। चंद्रशेखर भी इन्हीं वोटरों के बीच पहुंचे और खुद को नगीना का बेटा और भाई बताया। दूसरी तरफ, सपा-बसपा के प्रत्याशियों ने चंद्रशेखर पर व्यक्तिगत हमले किए।