गैंगस्टर एक्ट में अभियुक्त को दो साल की सज़ा, पाँच हज़ार का जुर्माना

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20 साल पुराने गैंगस्टर मामले में अभियुक्त को दो वर्ष का कारावास

आजमगढ़। “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप शुक्रवार को एक पुराने मामले में न्यायालय ने अभियुक्त को दोषसिद्ध पाते हुए सज़ा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (गैंगेस्टर एक्ट) कोर्ट संख्या-6 ने संगठित गिरोह बनाकर अपराध करने के दोषी को दो वर्ष के साधारण कारावास और पाँच हज़ार रुपये के अर्थदंड की सज़ा दी है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 17 फरवरी 2005 को तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक श्री विजय शंकर तिवारी ने कोतवाली थाने में अभियुक्त सुभाष यादव उर्फ़ सुनील यादव पुत्र शिव लोचन यादव, निवासी बैठौली (थाना सिधारी), के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अभियुक्त एक संगठित गिरोह बनाकर अपने सदस्यों के साथ भौतिक और आर्थिक लाभ के लिए आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता है।

पुलिस ने इस मामले में अभियुक्त के विरुद्ध मु.अ.सं.-100/2005 पर धारा-3(1) यू.पी. गैंग एक्ट के तहत आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। मुकदमे के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा कुल 9 गवाह पेश किए गए।

लगभग दो दशक पुराने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त सुभाष यादव को दोषी पाते हुए जेल में बिताई गई अवधि सहित कुल दो वर्ष के साधारण कारावास और पाँच हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।

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