आजमगढ़ में सुरक्षा गार्डों की बर्खास्तगी पर हंगामा: सपा ने दिया समर्थन, कमिश्नर के दखल के बाद न्याय की उम्मीद

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सपा के हस्तक्षेप के बाद न्याय की उम्मीद जगी

आजमगढ़ के राजकीय मेडिकल कॉलेज चक्रपाणपुर में 110 सुरक्षा गार्डों की अचानक बर्खास्तगी का मामला गरमा गया है, जिस पर समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन दिया है। पार्टी के हस्तक्षेप के बाद अब इन गार्डों को न्याय की उम्मीद जगी है।

सपा ने दिया गार्डों को समर्थन

 

राजकीय मेडिकल कॉलेज चक्रपाणपुर में सुरक्षा गार्डों को अचानक हटाए जाने के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा था। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर विवेक से मुलाकात की और इन हटाए गए गार्डों की बहाली की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर को बताया कि ये गार्ड कई सालों से सेवा दे रहे थे, लेकिन ठेकेदारी व्यवस्था के नाम पर उन्हें अचानक हटा दिया गया है, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।

कमिश्नर ने उठाया तत्काल कदम

 

सपा नेताओं से मुलाकात के बाद कमिश्नर विवेक ने तुरंत कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. बीके राव से फोन पर बात की। प्रिंसिपल ने बताया कि सुरक्षा का टेंडर जिओ कंपनी को दिया गया है, जिसके चलते गार्डों की संख्या में कमी की गई है।

कमिश्नर ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा से भी बात की। प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया कि हटाए गए गार्डों को प्राथमिकता दी जाएगी और उनकी तैनाती सैनिक कल्याण निगम के माध्यम से की जाएगी। साथ ही, जब तक नई भर्ती नहीं हो जाती, तब तक हटाए गए कर्मचारियों को ही काम पर रखा जाएगा।

गार्डों का आरोप

 

कर्मचारियों के अनुसार, 2019 में 500 से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, जिसमें सुरक्षा गार्ड और सफाईकर्मी शामिल थे। हर साल कंपनी बदलने के बावजूद पुराने कर्मचारियों को ही काम पर रखा जाता था। लेकिन, दिसंबर 2024 में गार्डों की संख्या कम करने का फैसला किया गया और 1 जुलाई 2025 को ‘क्विक मैन सर्विस’ नामक कंपनी को चार्ज सौंप दिया गया।

कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के हटा दिया गया है, जबकि 19 मार्च 2025 को प्रमुख सचिव ने आदेश दिया था कि किसी भी कार्यरत कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। उनका मानना है कि प्रिंसिपल बीके राव शासनादेश की अनदेखी कर रहे हैं।

न्याय की उम्मीद

 

समाजवादी पार्टी के हस्तक्षेप और कमिश्नर की सक्रियता के बाद अब हटाए गए सुरक्षा गार्डों को न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने सपा और कमिश्नर विवेक का आभार व्यक्त किया।

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