सामाजिक सद्भाव और निष्पक्ष जांच के लिए कांग्रेस नेता ने उठाई आवाज
फूलपुर, आजमगढ़। फूलपुर थाना तहसील क्षेत्र के शेखवलिया नेवादा गांव में जंगल-झाड़ी और मुस्लिम कब्रिस्तान के बीच चल रहे विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। इस गंभीर मामले के निस्तारण के संबंध में, सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेता और फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी शाहिद शादाब ने फूलपुर के उपजिलाधिकारी अशोक कुमार से मुलाकात की और माननीय राष्ट्रपति व राज्यपाल उत्तर प्रदेश को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
जनाजे को दफनाने से रोका गया, प्रशासन के सामने भी अड़े रहे विपक्षी
ज्ञापन के माध्यम से शाहिद शादाब ने एक हृदय विदारक घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि बीते 30 जुलाई को ग्राम सभा नेवादा में लगभग 75 वर्षीय अरशद की माता का रात्रि 08:00 बजे देहांत हो गया। जब परिजन और ग्रामीण जनाजे को दफन करने के लिए कब्रिस्तान पहुंचे, तो सरहदी गांव शेखवलिया राजभर बस्ती के कुछ लोग एकजुट होकर शव को दफनाने से रोकने लगे। उनका कहना था कि यह कब्रिस्तान नहीं, बल्कि जंगल-झाड़ी है।
विवाद बढ़ता देख तत्काल प्रशासन को सूचना दी गई। कोतवाली फूलपुर, उपजिलाधिकारी फूलपुर, तहसीलदार फूलपुर और उनके हमराही मौके पर पहुंचे। हालांकि, विपक्षी अपनी जिद पर अड़े रहे। कांग्रेस नेता ने ज्ञापन में बताया कि उक्त भूमि के पक्ष में न्यायालय हवेली आजमगढ़ का स्पष्ट आदेश है कि यह जमीन कब्रिस्तान है और रहेगी।
जमीनी विवाद का लंबा इतिहास: 1857 से दफन होते रहे हैं मुर्दे
शाहिद शादाब ने ज्ञापन में आगे बताया कि कब्रिस्तान गाटा संख्या 308मि., 317मि. और 329मि. में वर्ष 1857 से लेकर आज तक मुर्दे दफन होते रहे हैं। वर्ष 2003 के सरकारी दस्तावेज में भी यह जमीन कब्रिस्तान के रूप में दर्ज थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2006 में इसे खारिज कर दिया गया। इतना ही नहीं, वर्ष 2024 में इस जमीन को पुनः जंगल-झाड़ी के रूप में दर्शाया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 1967 के अदालत के फैसले को विपक्षी सहित कोई भी सक्षम अधिकारी मानने को तैयार नहीं हुआ। लाख मिन्नतों के बाद भी, कि मृतका के पति, पुत्र और परिवार के अन्य सदस्य यहीं दफन हैं, प्रशासन ने जनाजे को दफनाने की अनुमति नहीं दी।
तीसरे दिन मायके में दफनाया गया शव
अतः, विवश होकर मृतका के शव को उनके मायके ग्राम बखरा, तहसील मार्टिनगंज, थाना सरायमीर ले जाकर तीसरे दिन, दिनांक 01.08.2025 को दफन किया गया।
सामाजिक सद्भाव और निष्पक्ष जांच की मांग
इस संबंध में कांग्रेस नेता शाहिद शादाब ने उपरोक्त घटना को “काफी मर्माहत करने वाला” बताया है। उन्होंने सामाजिक सद्भाव कायम करने और इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
