निकाला जुलूस सुरक्षा रही चाक चौबंद……
फूलपुर एक्सप्रेस
फूलपुर, आजमगढ़। क्षेत्र व आसपास के ग्रामीण इलाकों में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72′ जांबाज़ साथियों की शहादत की याद में मोहर्रम का जुलूश निकाला गया, साथ ही मातम भी मनाया गया, मोहर्रम को लेकर जहां विशेष तैयारी के साथ ताजिया दार व मातम करने वाले लोग पूरी जमात के साथ लगे रहे तो वहीँ युद्ध और बहादुरी के शदाओं के साथ रणभेरी के घोतक वाघयंत्र नगाड़े से क़र्बला का मंज़र ताज़ा कर रहे थे, सुरक्षा की दृष्टि से जहां स्थानिय पुलिस शांति सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने हेतु लगी रही तो वही सामाजिक संगठन जेड एफ एम के कार्यकर्त्ता भी लगे रहे,
फूलपुर नगर पंचायत में शिया मोहल्ला, भेली मंडी, ऊदपुर, फूलपुर देहात आदि स्थानों के ताजिया, मातम जुलूस सामूहिक रूप से निकाला गया, नौजवानों द्वारा जहां इस मौके पर पारम्परिक अस्त्र शस्त्र के साथ हैरत अंगेज़ कारनामें पेश किए गए, तो वहीँ मातमी शदाओं के बीच मातम करते लोगों का ख्याल कमेटी के लोग रख रहे थे, जख़्मी शरीर को राहत देने का काम भी कर रहे थे, जुलूस फूलपुर गल्ला मंडी भेली मंडी से निकलकर पुराना मिर्चा मंडी से फर्नीचर बाजार शंकर जी तिराहा ताज कटरा होते हुए कर्बला के मैदान में पहुंचा, जहां ताजिया को ठंडा किया गया, मोहर्रम के जुलूस में स्थानी सहित आसपास के लोग शामिल हुए सुरक्षा की दृष्टि से वालंटियर के साथ फूलपुर कोतवाली पुलिस महिला पुलिस लगी रही
मासूमिया अखाड़ा फूलपुर के संस्थापक स्व, उस्ताद अली अहमद इमाम चौक अध्यक्ष मोहम्मद असलम और ज़ेड एफ एम फाउंडेशन के संस्थापक जीशान अहमद खान के द्वारा मोहर्रम के मौके पर जगह-जगह शबील (शरबत ) का इंतेज़ाम किया गया, जिसमें प्रतिनिधि डंपी तिवारी, प्रवक्ता रफीक फूलपुरी राहुल कुमार आंचल सदस्य, अब्दुल रहीम जोखू अनीश कुरैशी साकिब सिद्दीकी फहीम आज़मी नासिर तिहार उर्फ लल्लू सुहेल अहमद मोहम्मद ताहिर रहे, वहीँ अंजुमन मासूमिया फूलपुर अजादारो द्वारा मनाया गया मोहर्रम का मातम जिसके अध्यक्ष गुलाम अब्बास, और सदस्य जनाब शाहिद रजा, कायम राजा, मोहम्मद अब्बास, जीशान हैदर गुलाम हसनैन, वसीउल हसन गुड्डू, नजर अब्बास, साजिद रिजवी आदि लोग उपस्थित रहे
इस वर्ष इसी जुलाई महीने से इस्लाम धर्म के नए साल की शुरुआत होने के साथ ही अक़ीदत के साथ मोहर्रम मनाया जा रहा है, इस्लामिक नव वर्ष की 10 तारीख को हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मातम मनाया जाता है। इस दिन हजरत इमाम हुसैन के मानने वाले उनके अनुवाई खुद को उस दर्द से गुज़ारते है जिससे इमाम हुसैन तिथि 10 मोहर्रम 61 हि., 10 अक्टूबर 680 ईस्वी स्थान कर्बला उमय्यद सेना विजय हज़रत इमाम हुसैन इब्न अली और उनके परिवार और साथियों शहीद हो गए थे,इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक कर्बला की जंग 1400 साल पहले हुई थी. जिसमें पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. जिनकी याद में मुहर्रम का जुलूश निकालने के साथ मातम करते हैं।