सहरसा : ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान, डॉ रहमान चौक सहरसा के संस्थापक एवं कोशी क्षेत्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बताया की मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,कोजागरा,16 अक्टूबर, बुधवार को है,पूर्णिमाव्रत,कौमुदी महोत्सव, कोजागरा,लक्ष्मी पूजा प्रदोष घंटा 07.18 मिनट तक़, यावद्रारात्रे लक्ष्मी पूजन, दीक्षा ग्रहण आदि किये जायेंगे!
कोजागरा पूजा का दिन हिंदू धर्म के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है,अश्विन महीने में पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है,देवी लक्ष्मी धन, खुशी और समृद्धि की देवी हैं,और ऐसा माना जाता है कि अश्विन पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को प्रचुर मात्रा में धन और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। पूजा अनुष्ठानों को करने का सबसे शुभ समय मध्यरात्रि मे होता है महत्वपूर्ण पहलू रात में जगराता करना होता है यानी भक्तों को मध्यरात्रि जागरण करने की आवश्यकता होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कोजागरी पूर्णिमा की रात्रि में माता लक्ष्मी जब धरती पर विचरण करती हैं तो ‘को जाग्रति’ शब्द का उच्चारण करती हैं, इसका अर्थ होता है कौन जाग रहा है, वो देखती हैं कि रात्रि में पृथ्वी पर कौन कौन जाग रहा है,जो लोग माता लक्ष्मी की पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं, उनके घर मां लक्ष्मी जरुर जाती हैं! ऐसा माना जाता है कि, इस दिन,देवी लक्ष्मी सभी घरों में जाती हैं और अच्छे भाग्य और अत्यधिक समृद्धि के लिए अपना दिव्य आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
ब्यूरो रिपोर्टर / चेतन सिंह