गांजे की आंड़ में साधु संतों पर दिए गए अभद्र बयान के चलते, सपा सांसद अफ़ज़ाल अंसारी पर दर्ज हुआ मुकदमा!

गांजे की आंड़ में साधु संतों पर की गई थी सपा के सांसद द्वारा अभद्र टिप्पणी…….

फूलपुर एक्सप्रेस 

गाजीपुर। चर्चित बाहुबली नेता मरहूम मुख्तार अंसारी के भाई व समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी का गांजा और संत पर दिया गया उनका बयान अब उनके लिए परेशानी का कारण बन गया है। जहां बयानबाज़ी के इस मामले में साधु समाज की ओर से मुखर विरोध किया जा रहा है। वहीं गाजीपुर सदर कोतवाली में उनके खिलाफ इस प्रकरण में एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। साधु संतों पर निशाना साधते हुए अफजाल अंसारी ने गांजा को कानूनी वैधता देने की बात कही थी। उनका यह बयान सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा था। अंसारी ने कहा था कि गांजा को साधु-संत भगवान की बूटी और प्रसाद मानकर पी जाते हैं।

राजकुमार शुक्ला चौकी प्रभारी गोरा बाजार की ओर से दी गए तहरीर के आधार पर सदर कोतवाली में अफजाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ किया गया है। तहरीर में अफजाल अंसारी की ओर से मीडिया में दिए गए गांजा को लेकर के बयान का जिक्र है। तहरीर में यह भी लिखा गया है कि साधु समाज अफजाल अंसारी के गांजा को लेकर दिए बयान से आहत है और इसका विरोध कर रहा है।

समाजवादी पार्टी सांसद अफजाल अंसारी
साधु संतों पर बयान, अफजाल अंसारी को पड़ा भारी

कुछ दिनों पूर्व सांसद अफजाल अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि…..गांजा को कानून का दर्जा देकर वैध कर दिया जाना चाहिए लेकिन कानून का इतना बड़ा माखौल क्यों उड़ाया जा रहा है। लाखों करोड़ों लोग खुलेआम गांजा पीते हैं। पूरी महफिल लगाकर गांजा पीते हैं। बड़े-बड़े धार्मिक आयोजनों में लोग गांजा पीते हैं। उसे भगवान का प्रसाद और बूटी कहकर पीते हैं। भगवान का प्रसाद और बूटी है। तो गांजा अवैध क्यों है। अफजाल ने इस मसले पर सरकार की ओर से दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया था। अफजाल ने कहा था कि अगर गांजा भगवान का प्रसाद है और भगवान की बूटी है तो उसे कानून में मान्यता दी जाए। उन्होंने कहा था कि गांजा का तो लाइसेन्स नहीं है। लेकिन, कुम्भ में भी एकाध मालगाड़ी भी अगर चली जाएगी गांजा की तो वह भी वहां खत्म हो जाएगी। बहुत सारे साधू, संत, महात्मा समाज के लोग गांजा को बड़ा शौक से पीते हैं। कहते हैं कि पीने से भूख भी लगती है। स्वास्थ्य के लिए भी पीते हैं। सांसद के खिलाफ तहरीर के अनुसार सांसद के इस बयान के वायरल वीडियो के कारण साधु समाज ने सोशल मीडिया पर अपनी रोष प्रकट किया जा रहा है। सांसद का यह वक्तव्य अन्तर्गत धारा 353(3) बीएनएस के तहत दण्डनीय अपराध है।इस मामले में सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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