आपसी रिश्तों व प्रदर्शन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा उपचुनाव
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा की 10 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इनमें से नौ सीटें विधायक से सांसद बनने के कारण रिक्त हुई हैं जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता खत्म होने के बाद खाली हुई है। यह उपचुनाव एनडीए व विपक्षी गठबंधन दोनों के लिए ही आपसी रिश्तों व प्रदर्शन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। दोनों ही गठबंधन एक-दूसरे की सीटें कब्जा करने की कोशिश में जुटेंगे।
इन 10 सीटों में पांच सपा, तीन भाजपा, एक रालोद व एक निषाद पार्टी की हैं। फूलपुर के भाजपा विधायक प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट जीती है। अलीगढ़ की खैर से भाजपा विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुनाव जीता है।
गाजियाबाद से भाजपा विधायक डॉ. अतुल गर्ग गाजियाबाद लोकसभा सीट से विजयी रहे हैं। निषाद पार्टी के मझवां से विधायक डा. विनोद कुमार बिंद ने भाजपा के टिकट से भदोही लोकसभा सीट जीती है। रालोद के मीरापुर के विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद बन गए हैं। इसी प्रकार समाजवादी पार्टी में अयोध्या की मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद सीट जीत ली है।
करहल के विधायक व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से जीते हैं। अंबेडकरनगर की कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा ने अंबेडकरनगर से जीत दर्ज की है। कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने संभल से चुनाव जीता है। ऐसे में अब फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, मझवां, मीरापुर, मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, कुंदरकी व सीसामऊ विधानसभा का उपचुनाव होना है।