अयोध्या की हार, विपक्ष का मोदी पे प्रहार…..
फूलपुर एक्सप्रेस
अयोध्या, लखनऊ। लोकसभा चुनाव परिणाम में जहां भारतीय जनता पार्टी बहुमत से दूर तो वहीं एनडीए (भाजपा + गठबंधन) बहुमत से भी आगे और वही इंडिया गठबंधन एक बड़ा विपक्ष बन कर उभरा है, मोदी जहां तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की राह पर है तो वही इंडिया गठबंधन एनडीए गठबंधन के दो प्रमुख चेहरे चंद्रबाबू नायडू को एनडीए से तोड़ने व नीतीश कुमार को फिर से पलटने की कोशिश में लगे हैं , यह सब चर्चा का विषय राजनीतिक गलियारे में खबरों में बना हुआ है, लेकिन इन सब के बीच एक प्रमुख खबर जो सोशल मीडिया से लेकर टीवी और अखबारों तक की सुर्खियां बना हुआ है आखिर अयोध्या (फैजाबाद लोकसभा सीट )में कैसे हार गई बीजेपी, सोशल मीडिया पर जहां अयोध्या निवासियों को लेकर अलग-अलग कॉमेंट किया जा रहे तो वही कुछ लोग अयोध्या वासियों का भी पक्ष रख रहे हैं 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लल्लू सिंह के 54,567 मतों से निकटतम प्रतिबंध समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद से हार अयोध्या के वोटर काफी ट्रॉल हो रहे, राम मंदिर निर्माण और उसके कार्यक्रम को लेकर जहां पूरे विश्व में विकास और पुरातन नगरी आस्था के केंद्र के रूप में अयोध्या एक बार पुनः स्थापित हुआ, तो वही बीजेपी के सभी चुनावी जनसभा में राम मंदिर, अयोध्या का जिक्र होता रहा, लेकिन मामला तब उलट गया जब 4 जून के आए परिणामों में भाजपा (अयोध्या) फैजाबाद से हार गई यह एक पार्टी के हार नहीं बल्कि करोड़ भगवान श्री राम के भक्त वह हिंदुत्व वादी झंडेदारों के लिए एक सदमे के बराबर था, वहीं कुछ लोगों द्वारा अयोध्या के दुकानदारों से अन्य व्यावसायिक व्यक्तियों से किसी प्रकार के खरीद, व्यवसाय न करने के विषय में व प्रसाद खाद्य सामग्री अयोध्या से न लेने संबंधित #taeg चलाया जा रहा, लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर साफ-साफ पूछा जा रहा क्या अयोध्या वासियों की यही फितरत है, जिसमें भगवान राम के समय से लेकर आज तक के अयोध्या वासियों के बर्ताव और व्यवहार को लेकर चर्चा व लेख लिखा जा रहा है, तो वहीं कुछ स्थानीय मसलों की जानकारी रखने वाले अयोध्या के लोगों ने भी अपना मत जाहिर किया है लोगों का कहना है कि अवधेश प्रसाद दलितों के बहुत बड़े चेहरे हैं जिसका उनका भरपूर लाभ मिला वही लल्लू सिंह का चेहरा उनके बयान बाज़ी से संविधान विरोधी के तौर पर देखा जाने लगा, जिसे दलित कहीं भी बर्दाश्त नहीं करते, साथ ही पूर्व सांसद लल्लू सिंह का स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति व्यवहार अच्छा नहीं रहा, सती राम मंदिर ट्रस्ट में स्थानीय लोगों की भागीदारी कम करने, अयोध्या फैजाबाद में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रोटोकॉल व्यवस्था बनाने के नाम पर आए दिन बेज्जती करना व सम्मान को ठेस पहुंचाना, अयोध्या में विकास कार्य के चलते कई लोगों को बेघर होना पड़ा कई लोगों के दुकान और रोजगार भी छीन गई, जबकि यह भी सच है की बहुतों को बेरोजगारी के बाद रोजगार भी मिला, बेरोजगारी, आरक्षण मुद्दा मंदिर मुद्दा पर भारी पड़ा ही साथी जातीय समीकरण के साथ उत्तरी समाजवादी पार्टी ने माय फैक्टर के साथ अन्य वर्ग के साथ मिलकर अयोध्या में बड़ा खेला कर दिया, प्रत्याशी चैन में भाजपा ने जहां गलतियां की तो वही स्थानीय भाजपा आरएसएस, बजरंग दल, व अन्य हिंदूवादी संगठन, अबकी बार पूरी तरीके से डीएक्टिवेट साइलेंट मोड में रहे, कुल मिलाकर अयोध्या फैजाबाद हारना भाजपा के लिए एक बहुत बड़े सदमे के बराबर है क्योंकि जहां अन्य सीटों पर हुई हार को लोग कुछ दिनों में भूल जाएंगे लेकिन अयोध्या में हुई हर रोजाना ताजा होगी, अयोध्या की हर पर जहां विपक्ष भारतीय जनता पार्टी पर तंज कस रहा है तो वही भावनात्मक रूप से टूट चुके हिंदूवादी लोग भी तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं, लगभग 6% के वोट ने एक बड़ा उलट फेर करते हुए फैज़ाबाद में कमल को रौँदते हुए साइकिल दौड़ा दी
कैसा रहा था 2014 और 2019 का परिणाम
2019 में फैजाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के लल्लू सिंह 529021 वोट पाकर चुनाव जीत गए थे, यहां से सपा+ के आनंद सेन 463544 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के निर्मल खत्री 53386 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे हैं।
वर्ष 2014 में भी फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के लल्लू सिंह का निर्वाचन हुआ था । उन्हें 491761 वोट मिले थे। उन्होंने मित्रसेन यादव को 282775 वोटों से हराया। निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी सपा थी। 2014 में कुल 58.82 प्रतिशत वोट पड़े थे।
2024 का परिणाम