अखिलेश यादव ने जीरो टोलरेंस नीति पर सरकार को घेरा, सौरभ यादव के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा देने का किया ऐलान

वाराणसी। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव वाराणसी पहुंचे। उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से कई मुद्दों पर चर्चा किया। अखिलेश यादव ने सितंबर माह में हुए सौरभ यादव हत्याकांड मामले में पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने सौरभ यादव के घर पहुंचकर श्रद्धांजली दी और परिजनों से मिले। अखिलेश ने कहा कि सौरभ हत्याकांड में पुलिस अपराधियों से मिली हुई है। सपा सुप्रीमों नें कहा कि पुलिस अपराधियों के साथ खड़ी रही और तब तक पीटनें दिया, जब तक उसकी हत्या न हो गई हो। वहीं पुलिस ने जानबुझकर उसके भाई को भी जेल में बैठाकर रखा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के जीरो टोलरेंस का यह मतलब नहीं है कि पुलिस को पूरी छूट दे दी गई हो। सरकार ने पुलिस को इतनी छूट दे दी कि सौरभ यादव जैसे एक नौजवान युवक की हत्या हो गई। अखिलेश नें कहा कि सौरभ का भाई मदद करने के लिए जाना चाहता था। वह यदि जाता तो उसके भाई की जान बच जाती, लेकिन पुलिस अपराधियों से मिली हुई थी। इसलिए उसके भाई को जाने नहीं दिया गया। 

उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री के बिरादरी का कोई है, तो वह सारी सीमाएं लाँघ जाएगा। क्या मुख्यमंत्री इसी जीरो टोलरेंस नीति की बात करते हैं? उत्तर प्रदेश में यही ऐसी पहली घटना नहीं है। यूपी में पहले भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें बीजेपी के लोग शामिल थे। मैं कानपुर के एक सिख परिवार से मिला, जहां बीजेपी के सभासद पति ने केवल ट्रैफिक जाम में आगे पीछे गाड़ी होनें पर इतना मारा कि उसकी आंख चली गई। हो सकता है वह आंख नहीं लौटे। कानपुर में ही बीजेपी के एक नेता ने एक किसान से छ: करोड़ रुपए की जमीन अपने नाम करा ली। जमीन अपने नाम कराने के बाद नेता नें किसान को दिया चेक वापस मांग कर चेक फाड़ दिया। उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उस नेता के पुलिस से सीधे सम्पर्क है।

अखिलेश यादव नें आगे कहा कि इन लोगों पर कभी बुलडोज़र नहीं चलता। इनका बुलडोजर बस गरीबों पर चलता है। उन पुलिसकर्मियों के घरों पर बुलडोज़र कब चलेगा। जिन्होंने भाई को रोक कर रखा और भाई को मरने दिया। क्या आज के समय में ऐसा संभव है? क्या यही लॉ एंड आर्डर है? ऐसे दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो, परिवार की मदद हो। कानपुर में बुलडोज़र से माँ बेटी मरी थी, उसमें पूरा प्रशासन शामिल था। उसमें डिप्टी सीएम नें आश्वासन दिया था कि मैं दोषियों को सजा दिलवाऊंगा। 302 के मुकदमें लगवाऊंगा। क्या बुलडोजर चलाने वाले लोग जेल गए? क्या पीड़ित परिवार के लोगों को आपने सरकारी नौकरी दी? क्या सरकार के खजाने से मदद की गई।

अखिलेश नें आगे कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूँ कि कानपुर के पीड़ित और वाराणसी के पीड़ित परिवार की सरकार मदद करे। साथ ही सरकार इन्हें 50-50 लाख रुपए की मदद करे। इसके अलावा अखिलेश यादव नें सौरभ यादव के परिजनों को समाजवादी पार्टी के ओर से पांच लाख रुपए का मुआवजा देनें की घोषणा की।

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