जीवित्पुत्रिका और जितिया व्रत बड़े ही श्रद्धा पूर्वक ढंग से मनाया गया, माताओ ने अपने बच्चों के लिए यह कठिन व्रत रखा

Share

जितिया व्रत को माताएं अपनी संतान के दीर्घ, आरोग्य व उनके सुखमय जीवन के लिए रखती हैं

फुलपुर। जीवित्पुत्रिका और जितिया व्रत बड़े ही श्रद्धा पूर्वक ढंग से मनाया गया माताओ ने अपने बच्चों के लिए यह कठिन व्रत रखा हुआ है जिसके लिए विशेष पूजन सामूहिक रूप से नगर सहित आसपास के क्षेत्र में शुद्धता के साथ बनाए गए पूजा स्थलों पर किया गया , हिंदू धर्म में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। जिनमें से एक जिउतिया व्रत भी है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका और जितिया व्रत भी कहा जाता है।

माताओं ने रखा कठिन व्रत, फल फूल सहित चढ़ाई  लेडुवा

हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के जीवित्पुत्रिका व्रत होता है । जितिया व्रत को माताएं अपनी संतान के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए रखती हैं। जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह नहाए-खाए परंपरा होती है। इस साल जितिया व्रत 06 अक्टूबर को रखा जाएगा। जिसे नवमी तिथि यानी अगले दिन 07 अक्टूबर को पारण किया जाएगा।माताओं द्वारा नहाय-खाए के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत शुरू हो जाता है। यह उपवास मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है जिसमे फल फूल सहित विशेष मिठाई लेडुवा के चढ़ने का विशेष महत्व है। इस साल जितिया व्रत, पितृ पक्ष- अष्टमी श्राद्ध, कालाष्टमी को छः अक्टूबर से 7 अक्टूबर प्रातः तक मनाया।

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ गई