पुरानी रंजिश में झूठे आरोप: गहनों के विवाद में महिला पर झूठे आरोप लगाने का मामला, DIG व एसपी से न्याय की गुहार

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आजमगढ़, उत्तर प्रदेश: अहरौला थाना क्षेत्र के बनरहिया गांव में एक महिला ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है। प्रियंका यादव (पत्नी हरिकेश यादव) ने अपने गाँव के कुछ लोगों पर गहने चोरी और जबरन वसूली के झूठे आरोप लगाकर परेशान करने का आरोप लगाया है।

प्रियंका के अनुसार, यह विवाद 13 साल पुरानी रंजिश से जुड़ा है, जब उनके परिवार और भोरई यादव के परिवार के बीच झगड़ा हुआ था। हाल ही में, 12 सितंबर 2025 की रात 10 बजे, उनके घर पर सरिता विश्वकर्मा, अमृता विश्वकर्मा, अंकित विश्वकर्मा, बबलू विश्वकर्मा, डब्लू विश्वकर्मा, और भोरई यादव ने आकर अभद्र गालियां दीं और गहने वापस करने की धमकी दी।

प्रियंका का कहना है कि यह पूरा मामला सरिता विश्वकर्मा की बेटी अमृता के 21 अगस्त 2025 को विजय राजभर के साथ भाग जाने के बाद शुरू हुआ। अमृता की मां सरिता ने इस मामले में अहरौला थाने में विजय राजभर और आलोक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

प्रियंका ने आरोप लगाया कि भोरई यादव, जो एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति है, सरिता विश्वकर्मा को गुमराह कर रहा है। वह साजिश के तहत प्रियंका पर ₹1,22,000 के गहने लेने और अमृता को ₹4,500 देने का झूठा आरोप लगा रहा है।

प्रियंका ने बताया कि 11 सितंबर 2025 को उन्हें अहरौला थाने बुलाया गया था, जहाँ पुलिस ने नेवादा बाजार के एक ज्वेलर मनीष सोनी को भी बुलाया। सोनी ने गहने खरीदने से साफ इनकार किया और मानहानि का दावा करने की बात कही। थानेदार प्रदीप कुमार ने जब अमृता से पूछा तो उसने केवल ₹4,500 मिलने की बात कही, जिस पर थानेदार ने इसे फर्जी आरोप बताया, क्योंकि कोई भी ₹1,22,000 के गहने ₹4,500 में नहीं बेचेगा।

प्रियंका का कहना है कि पुलिस उन्हें 24 अगस्त और 11 सितंबर को भी थाने बुलाकर गहने लौटाने का दबाव बना रही है और धमकी दे रही है कि ऐसा न करने पर उनका नाम मुकदमे में डाल दिया जाएगा। इस मानसिक प्रताड़ना के चलते उनका परिवार दहशत में है और उनकी दिनचर्या बाधित हो गई है। प्रियंका ने पुलिस अधीक्षक, डीआईजी आजमगढ़ और मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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