आजमगढ़: सरकारी अस्पताल की मुफ्त दवाएं बाजार में बेचता था फार्मासिस्ट, साथी गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार

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  • देर रात NCB की छापेमारी, मुख्य आरोपी फरार

  • पूछताछ में हुआ पूरे खेल का खुलासा

  • 50 हजार से ज्यादा की दवाएं बरामद

  • गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी

आजमगढ़, 01 अगस्त: आजमगढ़ के सरकारी अस्पताल से गरीबों के लिए मिलने वाली मुफ्त दवाओं को चोरी-छिपे बाजार में बेचने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। गोरखपुर की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए इस गोरखधंधे में लिप्त एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि रैकेट का मुख्य आरोपी, फार्मासिस्ट रामानंद यादव, छापेमारी से ठीक पहले फरार हो गया।

देर रात NCB की छापेमारी, मुख्य आरोपी फरार

NCB की टीम ने सोमवार देर रात करीब 2 बजे फार्मासिस्ट रामानंद यादव के घर पर छापा मारा, लेकिन वह टीम के पहुंचने से पहले ही भाग निकला। टीम ने मौके से प्रमोद कुमार सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जांच के अनुसार, प्रमोद ही वह कड़ी था जो अस्पताल से दवाओं की खेप लेकर उन्हें बाजार में झोलाछाप डॉक्टरों और अन्य ग्राहकों को बेचता था।

पूछताछ में हुआ पूरे खेल का खुलासा

गिरफ्तार आरोपी प्रमोद कुमार सिंह ने पूछताछ में पूरे नेटवर्क का खुलासा कर दिया। उसने बताया कि मंडलीय अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट रामानंद यादव ही उसे सरकारी दवाएं उपलब्ध कराता था। इन दवाओं को वह ग्रामीण क्षेत्रों के झोलाछाप डॉक्टरों तक पहुंचाता था, जो इन्हीं मुफ्त दवाओं को मरीजों को पैसे लेकर बेचते थे। इस अवैध कारोबार से दोनों आरोपी मोटी कमाई कर रहे थे।

छापेमारी के दौरान टीम ने 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की सरकारी दवाएं बरामद की हैं। ये सभी दवाएं “UP GOVT SUPPLY NOT FOR SALE” की मुहर वाली थीं, जिन्हें मरीजों को मुफ्त वितरित किया जाना था।

NCB की टीम अब फरार फार्मासिस्ट रामानंद यादव की तलाश कर रही है और इस पूरे नेटवर्क की अन्य परतों को खोलने में जुटी है। जांच में स्वास्थ्य विभाग के कुछ और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।

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