मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,17 जुलाई से आरम्भ होगा मलमास 16 अगस्त तक रहेगा मलमास अर्थात पुरषोत्तम मास

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सहरसा (बिहार) “ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान” प्रताप चौक सहरसा बिहार के संस्थापक एवं निर्देशक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बतलाया है.

कि मलमास अर्थात पुरषोत्तम मास शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर अमावस्या को समाप्त होती है, पूर्णिमा इसके बीच मे ही होती है.
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,इस बार मलमास 17 जुलाई शाम 05.21 से आरम्भ होकर 16 अगस्त को ख़त्म होगी.
ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी ने बताया कि ज्योतिष मे 02.5 वर्ष ,05 पखवाड़े,03 दिन और 01 दिन का आठवाँ भाग बीत जाने पर अधिकमास होता है, कैलकुलेशन के आधार पर 32 महीने 18 दिन बीत जाने पर मलमास होता है.
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मलमास मे क्या करें क्या ना करें
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ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी बताते है, कि गुरु के अस्त एवं सूर्य के सिंह राशि मे स्थित होने पर अधिक मास मे जो वर्जित कर्म है उसे बिलकुल नहीं करें,
इस मलमास मे दैनिक नियमित पूजा, श्राद्ध,या किसी जातक कि कुंडली मे मार्केश वगैरह है, तो उसकी शांति हेतु पूजा हो सकती है,
लेकिन विवाह, प्रतिष्ठा, गृहप्रवेश,उपनयन, मुंडन इत्यादि बिलकुल भी नहीं करना चाहिए, इस मास के मध्य मे स्नान, जप, दान एवं पितृ तर्पण जरूर करें, तो उनके ये सारे कर्म ऊर्जावान करते है,और काफ़ी लाभदायक होते है.

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