फूलपुर की पहचान है “लाल सोना”

Share

आजमगढ़। भारतीय व्यंजन में मिर्च और मसाले का खास स्थान है मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाले लाल मिर्च जिसे आम बोलचाल में मरचा भी कहते हैं एक प्रमुख खाद्य पदार्थ है और यह प्रमुखता तब और बढ़ जाती है जब खाने के साथ लाल मिर्च का अचार हो, लाल भरवा मरचा एक प्रमुख आचार है कच्चे आम के चूर्ण व कुछ मसालों के साथ तैयार कर शुद्ध सरसों के तेल में भिगोया जाता है दिसम्बर जनवरी,फरवरी व मार्च के महीने में इसकी खास तैयारी होती है। लेकिन इस तैयारी के पहले लाल मिर्चा खेती का हिंदुस्तान में प्रमुख स्थान रखने वाले फूलपुर तहसील बुढ़नपुर तहसील आदि स्थानों से एकत्र हुआ मरचा हिंदुस्तान व देश विदेश के कोने कोने में जाता है आज से दो दशक पूर्व लाल मिर्चा की खेती क्षेत्र में किसानों के प्रमुख आमदनी का कारण हुआ करती थी लेकिन मंडी और बिचौलियों संबंधित दूर व्यवस्थाओं ने लाल सोना कहे जाने वाले लाल मिर्ची के व्यापार को पूरी तरीके से मिट्टी में मिलाने का कार्य किया हालांकि लाल मिर्ची की खेती व व्यापार को सुदृढ़ व सफल बनाने हेतु आने को घोषणाएं व प्रचार-प्रसार सरकारी गैर सरकारी स्तर पर देखा जाता रहा लेकिन अभी तक कहीं कोई इस विषय में कार्य होता हुआ दिख नहीं रहा है मिर्चा मंडी का इतिहास बहुत पुराना है जब पुरानी बाजार अहिरौला और शमशाबाद के बाद फूलपुर में लगना शुरू हुआ खांडसारी(ब्राउन चीनी) के व्यवसाय में फूलपुर का गल्ला मंडी इसका प्रथम स्थान रहा फिर इसके बाद मिर्चा मंडी को शनिचर बाजार के मुख्य रोड पर ले जाया गया आबादी घनी होने के कारण फिर से एक प्राइवेट तौर पर निजी स्तर पर बनाए गए मिर्चा मंडी थाना कोतवाली के पास ले जाया गया फिर विवाद के चलते दो स्थानों पर लगाने का प्रयास किया गया फिर एक बार मिर्चा मंडी फूलपुर यूनियन बैंक के पीछे वाले खाली स्थान पर लगाया गया मिर्चा मंडी का व्यवसाय तब से फल फूल रहा था कि जब आवागमन के लिए ऊंट, एक्का, बैल गाड़ी आदि का सर्वाधिक प्रयोग करते हुए रेलगाड़ी व गिने-चुने ट्रकों के भरोसे ही माल अन्य यंत्र भेजे जाते थे। आवागमन का साधन तो बड़ा लेकिन व्यवसाय और खेती घाटे का सौदा होने लगी जिसके बाद अब यह खेती व व्यवसाय विलुप्त प्राय होने के कगार पर पहुंच रहा है। लाल सोला भरवा मरचा की खेती फूलपुर सहित पड़ोसी तहसीलों के लगभग 70 % गांव में प्रमुखता से की जाती थी लेकिन अब यह प्रतिशत काफी नीचे आ चुका है। एक जिला एक उत्पाद के प्रसारण के नाम पर भी अभी तक लाल मिर्चा खेती व व्यवसाय के लिए कोई विशेष घोषणा तो नहीं हुई लेकिन इसके लिए कहीं न कहीं सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर बात उड़ती हुई नजर आ रही है इसी कड़ी में जिले पर जिलाधिकारी कृषि विभाग आदि ने भी मंथन तो किया है , वहीं फूलपुर नगर पंचायत के प्रथम बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया जिसके लिए कार्य योजना बनाने की तैयारी भी चल रही है। लाल मिर्चा कहीं ना कहीं स्थानीय स्तर पर सैकड़ों लोगों को रोजगार मुहैया कराती थी और किसानों के लिए भी एक प्रमुख आय का कारण बनती थी लाल भरवा मिर्चा लाल सोना को फिर इंतजार है अपने आप को प्रमुख खेती व व्यवसाय के रूप में दर्ज कराने की,,,,

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ गई