क्रांतिवीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की जयंती मनाई गई, वक्ताओं ने रखे अपने विचार

जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई………….

फूलपुर एक्सप्रेस 

फूलपुर, आजमगढ़। मंगलवार 28 मई प्रातःसरस्वती शिशु मंदिर फूलपुर के प्रांगण में क्रांतिवीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

सर्वप्रथम क्रांतिवीर विनायक दामोदर सावरकर जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन माननीय नगर संघ चालक अरविन्द जी ने किया , डॉ राजेंद्र प्रसाद आर्य “मुनि जी “ने अपना सारगर्भित विचार में बताया कि इन्होंने हाई स्कूल उत्तीर्ण करके अपने मित्रों के साथ मित्र संस्था बनाकर देश और समाज के उत्थान के लिए कार्य किए ।ये तीन भाई सब के सब राष्ट्र की उन्नति लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले “सावरकर बंधु”थे। स्वदेशी वस्तुओं का जीवन में उपयोग और विदेशी वस्तुओं का जीवन में उपयोग न करना यह इनका स्वदेशी के प्रति अटूट श्रद्धा विश्वास अगाध राष्ट्रभक्ति दर्शाता है ।इन्होंने स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर इनके मन में विचार आया कि अंग्रेजों के क्रूर अत्याचार का कानून के अनुरुप उत्तर देना आवश्यक है।अतः कानून की पढ़ाई हेतु विदेश गये कानून की शिक्षा पूर्णकर स्वदेश वापस आने पर इनके बड़े भाई जेल में निरुद्ध थे । इन्हें भी अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध कार्य करने के आरोप में दो जन्मों की सजा सुनाई गई।

अंडमान जेल काला पानी की सजा के लिए भेजा गया इन्होंने जेल की दीवारों को कागज का पन्ना बनाकर कील और कोयले से अनेक क्रांतिकारी कविताओं की रचना की अनेक क्रांतिकारी लेख लिखे। उनके कमरे बदल दिए जाते थे और वहां जेल में निरुद्ध क्रांतिवीरों के लिए यह लेखन सामग्री दीवारों पर लिखकर तैयार किया करते थे। ये कुशल कवि, विचारक, चिंतक, वक्ता, लेखक, प्रखर पत्रकार ,समाज सुधारक, राष्ट्रभक्त एवं संगठक आदि अप्रतिम गुणों से युक्त थे। जेल में इन्हें कड़ी सजा यातना भुगतनी पड़ती कोल्हू में पशुओं की जगह ये खोपरे का तेल पेरते और रस्सी बनाते किंतु राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत भाव विचारों की अभिव्यक्ति करके समाज को स्वाधीनता के प्रति सदैव जागृत करते। शुद्धि कार्य चलकर दिगभ्रमित बन्धुओं को इन्होंने राष्ट्रीय विचारधारा से ओत- प्रोत राष्ट्र की मुख्य धारा में चलाकर राष्ट्रीय हित के कार्य में लगाए। इनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र के समुन्नत में लग रहा। ये ऐसे क्रांतिवीर थे जिन्होंने अनेक विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए भारतस्वतंत्र कराके स्वतंत्र भारत में जीवन यात्रा पूर्ण किए। उद्बोधन के पश्चात माननीय नगर संघचालक अरविन्द जी ने उपस्थित जन के प्रतिआभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में हरिश्चंद्र एडवोकेट़़, राहुल जी नगर प्रचारक , सुधीरकुमार रावत, राजू प्रजापति, कृष्ण मोहन आर्य़, विमलेश आर्य,अनिल बर्नवाल़ सुरेशधारिया़, देवेश बरनवाल, जीवेश गुप्त, कुमारी राखी बरनवाल, रेखा बरनवाल, लाडो जायसवाल, श्रेयांश गुप्त, युवराज गुप्त, ऋषभ गुप्त इत्यादि उपस्थित रहे।

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