यूपी में अक्तूबर में बिजली की भारी किल्लत हो रही है, त्योहारी सीजन में दे सकती है बड़ा झटका ?

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गांवों में तय शिड्यूल से पांच घंटे कम बिजली दी जा रही है। नगर पंचायतों, तहसील मुख्यालय, बुंदेलखंड में भी तय शिड्यूल से तीन से चार घंटे तक कम बिजली की आपूर्ति हो रही है

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस साल का सबसे बड़ा बिजली संकट सामने आ गया है. बता दें कि 24000 मेगावाट की डिमांड पर बिजली की उपलब्धता में 4000 से 4500 मेगावाट की कटौती हो रही है, जिससे बिजली संकट पैदा हो गया है. प्रदेश की चार उत्पादन इकाइयों में रविवार शाम से गड़बड़ी आ गई है. दो इकाइयों में बॉयलर में गड़बड़ी आई है तो एक इकाई में अन्य तकनीकी खराबी बताई जा रही है, फिलहाल काफी मशक्कत के बाद बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से चालू तो हो गई लेकिन यह संकट भविष्य में बिजली के मामले में उत्तर प्रदेश को झटका दे सकता है।यूपी में अक्तूबर में बिजली की भारी किल्लत हो रही है। पहली बार ऐसा हुआ है जब गांवों में तय शिड्यूल से पांच घंटे कम बिजली दी जा रही है। नगर पंचायतों, तहसील मुख्यालय, बुंदेलखंड में भी तय शिड्यूल से तीन से चार घंटे तक कम बिजली की आपूर्ति हो रही है। प्रबंधन के सामने दिक्कत यह है कि वह चाहकर भी तत्काल बिजली की इस कमी को दूर नहीं कर सकता है। पावर एक्सचेंज पर बिजली उपलब्ध नहीं है जिसे खरीदा जा सके। आगामी तिवारी सीजन को देखते हुए यह अत्यंत मायूस करने वाला बिजली विभाग के लिए समय होगा क्योंकि दशहरा दिवाली और उससे संबंधित अन्य त्योहारों में रोशनी उजाले का प्रथम महत्व है लेकिन सप्लाई अगर इसी तरह बाधित रही तो बिजली त्यौहार में बड़ा झटका दे सकती है।

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