सिग्नल पहले से ही खराब था
पश्चिम बंगाल में सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस सोमवार को सुबह न्यू जलपाईगुड़ी के पास हादसे का शिकार हो गई। उसे एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। यह हादसा इतना भयानक था कि मालगाड़ी से टक्कर होने के बाद ट्रेनों की तीन बोगियां पटरी से उतर गईं। जबकि कई बोगियां हवा में लहरा गईं। वहीं 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। आइए जानते हैं ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की यादें ताजा करने वाली दुर्घटना कैसे हुई।
#WATCH दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल: रंगापानी स्टेशन के पास एक मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस के बीच हुई टक्कर के बाद घटनास्थल पर बहाली का कार्य जारी है। दुर्घटना में अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 25 लोग घायल हुए हैं।
(घटनास्थल के दृश्य ड्रोन कैमरा द्वारा लिए गए हैं।) pic.twitter.com/q4ypOUaN9T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 17, 2024
रेलवे सूत्रों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
बताया जा रहा है कि रानीपात्रा रेलवे स्टेशन और पश्चिम बंगाल के छत्तर हाट जंक्शन के बीच सुबह साढ़े पांच बजे से ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब पड़ा था।सूत्रों ने बताया कि ट्रेन नंबर 13174 (सियालदह कंचनजंगा एक्सप्रेस) रंगापानी स्टेशन से सुबह आठ बजकर 27 मिनट पर रवाना हुई थी और सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब होने के चलते रानीपतरा रेलवे स्टेशन तथा छत्तर हाट के बीच रुकी रही।
रेल मंत्री बोले- हादसे की होगी जांच
कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज दोपहर दार्जिलिंग पहुंचे। घटनास्थल पर वे बाइक से आए। रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘अभी में दुर्घटनास्थल पर रेस्क्यू का जायजा लेने गया था। घायलों से मिलने अस्पताल भी गया था। डॉक्टर्स, रेलवे स्टाफ, स्टेट गवनर्मेंट के स्टाफ और गांव के लोगों ने फौरन रेस्क्यू का काम किया। जिला प्रशासन ने 8 लोगों के मौत की जानकारी दी है। अभी सारा फोकस रेस्क्यू और रेस्टोरेशन पर है। साथ ही साथ कमिश्नर रेल सेफ्टी के द्वारा जो इन्क्वायरी होती है, वो भी शुरू हो गया है। डेटा पॉइंट और डेटा लॉग देखा जा रहा है। कंप्लीट इन्क्वायरी के बाद ही हादसे की वजह का पता चलेगा।’