BHU के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा दुर्रव्यवस्थाओं को लेकर जारी अमरण-अनशन,धरना में अखिलेश यादव की एंट्री, चले राजनीतिक दांव, कह दी बड़ी बात!

BHU की व्यवस्था के गर्म मसले पर राजनितिक तड़का……

फूलपुर एक्सप्रेस…….

वाराणसी। कई दिनों से वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में डॉ ओम शंकर BHU के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा व्यवस्थाओं को लेकर अमरण अनशन और धरना दिए जाने के संबंध में अखिलेश यादव ने राजनीतिक दांव चल दिया है, उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर हस्ताक्षर अभियान व अन्य फोटो शेयर करते हुए लिखा

पूर्व मुख्यमंत्री,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा है कि 

BHU को बचाने के लिए भाजपा के ख़िलाफ़ ‘आमरण अनशन’ पर बैठे डॉ. ओम शंकर जी से अनुरोध है कि वो अपना आमरण अनशन तोड़ें और जनता के रक्षक ‘इंडिया गठबंधन’ का साथ देकर भ्रष्ट भाजपा को हटाने के लिए नया व्रत लें।

 

भाजपा हर सच्चे इंसान के विरूद्ध है। जो जनता के अधिकार की बात करे उसे भाजपा अपना विरोधी मानती है क्योंकि भाजपा जनता के हक़ को छीननेवाली पार्टी है। जो निजीकरण के ख़िलाफ़ है भाजपा उसे भी अपना दुश्मन समझती है क्योंकि वो उन खरबपतियों की कठपुतली है जो निजीकरण करके बेतहाशा मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं,जनता जन-विरोधी भाजपा को इतिहास बना देगी। 

#एक_थी_भाजप

डॉ ओम शंकर बी एच यू के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ माने जाते हैं और वह पिछले कई दिनों से अनशन पर हैं. उन्होंने सीधे तौर पर विभाग के MS के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि लगातार बढ़ रहे हृदय रोगियों को देखते हुए विश्वविद्यालय की कमेटी ने 8 मार्च 2024 को 50 बेड तत्काल आवंटित करने का सुझाव दिया था. इसके बाद भी अनेक बार सूचित किया गया लेकिन इस पर कोई निर्णयनहीं लिया गया, इसके अलावा भी अन्य अतिरिक्त व्यवस्थाओं को लेकर विचार विमर्श होता है लेकिन अब तक उन व्यवस्थाओं पर निर्णय नहीं लिया गया. जबकि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय चिकित्सा संस्थान में न केवल वाराणसी बल्कि आसपास के जनपद सहित बिहार से भी बड़ी संख्या में रोगी उपचार के लिएप हुंचते हैं.

इन समस्याओं को लेकर अब डॉक्टर ओम शंकर अनशन पर बैठ गए हैं. जानकारी मिलने तक उन्होंने भोजन तक त्याग दिया है और उनका वजन भी तकरीबन 6 से 7 किलो कम हो गया है. हालांकि BHU प्रशासन ने इस आरोप को बेबुनियाद बताया है. लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने से बी बीएचयू प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है, और वही लोकसभा चुनाव के दौरान अब अखिलेश यादव द्वारा इस मामले में मामला और भी गर्म हो सकता है, क्योंकि मामला पूरी तरीके से बीएचयू प्रशासन का है, लेकिन इसमें BHU के साथ BJP को लेकर अखिलेश यादव हमलावर हैं

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