जौनपुर से बदमाशों का योगी को खुला चैलेंज, भाजपा नेता प्रमोद यादव की हत्या से मचा हड़कंप, धनंजय सिंह को जेल के बाद कभी उनके करीबी, कभी प्रतिद्वंदी कहे जाने वाले बीजेपी नेता की हत्या से कानून व्यवस्था पर लगा बड़ा प्रश्नचिन्ह?

जौनपुर: बदमाशो का दुस्साहस……

Phoolpur express 

जौनपुर।  गुरुवार को भाजपा नेता प्रमोद यादव की बदमाशों द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने से पूरे उत्तर प्रदेश में खलबली मच गई है, यूपी सरकार योगी की कड़े कानून व्यवस्था की हवा भरने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेता के ही दिनदहाड़े हत्या से राजनीतिक जगत में भी हड़कंप मच गया है।

जौनपुर जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र के बोधापुर गांव में बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर भजपा नेता प्रमोद यादव की हत्या कर दी। दिन दहाड़े हुई वारदात से पूरे इलाके में हड़कम्प मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल कर रही थी, एसपी ने हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दिया है।
बोधापुर निवासी भाजपा के जिला मंत्री प्रमोद कुमार यादव को गुरुवार को दिन दहाड़े लगभग 10 बजे के आसपास मोटरसाइकिल सवार बदमाश गोली मारकर फरार हो गये, घायल प्रमोद यादव को तत्काल जिला अस्पताल भेजवाया गया जहां पर डाक्टरो ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि हत्याकांड का जल्द खुलासा करके बदमाशो को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

वहीं घटना के बाद जौनपुर जिले सहित अन्य पड़ोसी जिलों के थाना क्षेत्र में भी अलर्ट कर दिया गया है साथ ही वाहन चेकिंग अभियान को तेज कर दिया गया है और आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाल जा रहे हैं इस संबंध में पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ भी कर रही है हालांकि इस विषय में कोई आधिकारिक जानकारी अभी तक प्राप्त नहीं हो सकी है।

सजायाफ्ता पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी, प्रतिद्वंदी भी रहे प्रमोद यादव के पिता की भी हो चुकी है पूर्व में हत्या

भाजपा के जिला मंत्री रहे प्रमोद यादव पूर्व सांसद धनंजय सिंह के करीबी माने जाते थे, बाद के राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण प्रतिद्वंदी भी बने। इनके पिता राजबली यादव भी जनसंघ से जुड़े थे। उनकी भी गांव में ही आपसी रंजिश को लेकर हत्या हुई थी। ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले प्रमोद यादव 2007 में रारी विधानसभा से निर्दल चुनाव लड़े थे। उसके बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में मल्हनी विधानसभा बनने पर भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नामांकन पत्र खारिज हो गया था। उस समय धनंजय सिंह की पत्नी जागृति निर्दल चुनाव लड़ी थीं, लेकिन वह भी हार गई थीं। इस चुनाव में सपा के पारस नाथ यादव चुनाव जीते थे। बीते 2 दिन से चर्चा में रहे जौनपुर जिले की घटनाओं में जहां पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 7 वर्ष के लिए जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई और उन्हें जेल भेज दिया गया और वही अगले ही दिन भाजपा नेता की निर्मम हत्या से फिर जौनपुर चर्चा में बन गया है

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