सामाजिक न्याय व लोकतंत्र के सच्चे सिपाही थे विजय बहादुर राय तमसा प्रेस सभागार में उन्हें दी गई श्रद्धाजंलि

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आजमगढ़। शहर के सिविल लाइन स्थित तमसा प्रेस क्लब सभागार में रविवार को समाजवादी विचारों व उसके आदर्शो को अपने निजी जीवन में आत्मसात करने वाले स्मृतिशेष विजय बहादुर राय को सभा कर श्रद्धाजंलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी नेता हरिश्चन्द्र पांडेय व संचालन कार्यक्रम के संयोजक विजय कुमार देवव्रत ने किया। सर्वप्रथम उनके चित्र पर मार्ल्यापण व पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी गई। इस दौरान जयप्रकाश नारायण ने कहाकि विजय बहादुर राय सामाजिक न्याय व लोकतंत्र के रक्षक के सच्चे सिपाही रहे, उन्होंने अपने जीवनकाल में राजनारायण जी के विचारों को पूरी तरह से आत्मसात कर रखा था।समाजवादी पार्टी के निजामाबाद से विधायक आलमबदी आजमी ने कहाकि देश की स्वतंत्रता के लिए कुर्बानी देने वालों की पुण्यतिथि हर साल मनाई जानी चाहिए। ताकि आज के युवा पीढ़ी उनके विचारों से प्रेरित हो और सही इतिहास को जान सके। एडवोकेट अनिल कुमार राय ने कहा कि विजय बहादुुर जी राजनारायण जी से पूरी तरह जुड़े थे और उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए हमेशा गरीब गुरबों की लड़ाई में आगे रहते थे। और समाजवादी आंदोलन को बढ़ाने के लिए ता-जिन्दंगी संघर्ष करते रहे।
सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने इस अवसर पर कहाकि विजय बहादुर राय समाजवादी विचार धारा के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहे। और कभी भी अपनी विचारों से डिगे नहीं। लोकतंत्र सेनानी व वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्रनाथ श्रीवास्तव ने उनसे अपने संबंधों का याद करते हुए कहाकि हमें ऐसे वरिष्ठ लोगों की हमें जरूर हालचाल लेते रहना चाहिए जो लोग अपने जीवनकाल के अंतिम चरण में चल रहे है और जीवनभर सामाजिक सरोकारों से जुड़कर संघर्ष करते रहे। उन्होंने कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि हर वर्ष उनकी याद में कार्यक्रम होना चाहिए जिसमंे किसी एक व्यक्ति को सम्मानित किया जाए। इस हेतु लोकतंत्र सेनानी अपनी पंेशन से 11 हजार रूपए की सहायता राशि देंगे।

कार्यक्रम के संयोजक विजय कुमार देवव्रत ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि राय साहब का व्यक्तित्व काफी विराट था, जो भी एक बार उनसे मिल लिया वह ता-जिन्दगी के लिए उनका हो गया। शारीरिकरूप से कष्ट में रहने के बावजूद वह सभी  के दुख-दर्द में व्यक्तिगतरूप से सम्मिलित तो होते ही थे, किन्तु जब वह कहीं आने-जाने की स्थिति नहीं थे तब भी वह लोगों का हालचाल फोन से लेते रहे थे। जो आज की पीढ़ी के लिए सिखने की चीज है।

इस अवसर पर डा. ज्ञान प्रकाश दूबे, सुधीर अग्रवाल, डा. उदयभान यादव, आनन्द उपाध्याय, रामचन्द्रर यादव, डा. जेएन राय, सुभाषचन्द्र सिंह, डा. विनय कुमार सिंह, संजय श्रीवास्तव, मुन्नु यादव, सुबेदार यादव, रामनिवास यादव, रामदरश यादव, सुधीर राय, रामकरन राय, संदीप उपाध्याय, जुल्फेकार बेग, डा. अशफाक बाबर, मोहम्मद असलम, विवेक गुप्ता, सुभाष पांडेय, दयाराम यादव, यमुना प्रजापति, रामजन्म यादव, मंतराज यादव, धीरेन्द्र सिंह, पंकज पांडेय, श्रद्धानन्द राय, राजेश यादव, सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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