जब समाज में समरसता कमजोर हुई तो देश परतंत्र हुआ।….रमेश 

विचार……

फूलपुर,  प्रयागराज। मकर संक्रांति पर्व पर केशव सदन बौड़ई में प्रान्त प्रचारक उपस्थित लोगों को, सम्बोधित करते हुए । प्रांत प्रचारक ने कहा समाज परिवर्तन का पर्व मकर संक्रांति है परिवर्तन सृष्टि में निहित है वही परिवर्तन वही नवीनता परिवर्तन अपनी संस्कृति परंपराओं का प्रतीक भी है,

मकर संक्रांति सामाजिक पर्व का महत्वपूर्ण निमित्त है ,इसकी बहुत ऐतिहासिक परंपरा है, सारे पर्वों मैं मकर संक्रांति मानव जाति को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करता है ,इस त्यौहार का यही मूल उद्देश्य है कि समाज कैसे एकरस हो कैसे समरस हो, सबको जोड़ने रखना इस पर्व का मूल उद्देश्य है। आत्मीयता की डोर से समरसता की डोर से, जब तक समाज में समरसता एक रास्ता थी तब तक समाज सशक्त था जब समाज में एक रास्ता समरसता कमजोर हुई तब विदेशी आक्रांताओं ने देश को गुलाम बनाया, भारत पर्व एवं संस्कृति का देश है यह एक ही संदेश देती है सबको साथ रखना किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं रखना।इसी क्रम में सह विभाग कार्यवाह बेचन सिंह जिला प्रचारक प्रेम सागर सह संघ चालक बद्री प्रसाद कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम नरेश गौतम जी उमाचरण जी रवि नगर प्रचारक यशवंत शिवम अभिषेक अमरनाथ यादव दिलीप अनिल सुरेश विश्वकर्मा जी नवीन शिवकैलश उत्तम , राहुल विश्वकर्मा आदि संघ के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

 रिपोर्ट…प्रिंस मोदनवाल पत्रकार फूलपुर प्रयागराज

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