उत्तर प्रदेश: वाराणसी स्थित आईआईटी-बीएचयू परिसर में आधी रात बीटेक छात्रा के साथ गैंगरेप मामले में बीजेपी आईटी सेल के पदाधिकारियों कुणाल, अभिषेक और सक्षम की गिरफ्तारी के बाद पूर्वांचल की राजनीति में भूचाल आ गया है। बनारस से लगायत लखनऊ तक आंदोलन शुरू हो गया है। आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने और उन्हें संरक्षण देने वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी नारेबाजी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के रविंद्रपुरी स्थित कार्यालय की ओर जा रहे थे, लेकिन उन्हें वहां जाने से रोक दिया गया। इससे पहले सोमवार, पहली जनवरी को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और छात्रों ने बीएचयू स्थित लंका गेट व लहुराबीर पर प्रदर्शन किया और आईआईटी की छात्रा के साथ दरिंदगी करने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाने और उन्हें पनाह देने वाले बीजेपी के नेताओं के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग उठाई।
गौर तलब हैं की आईआईटी बीएचयू परिसर में बीजेपी के तीन पदाधिकारियों ने एक नवंबर की रात आईआईटी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी मुखर हो गई है। दोनों दलों ने इस मुद्दे को लेकर प्रदेश भर में आंदोलन छेड़ने और इस मामले को चुनाव में मुद्दा बनाने का ऐलान किया है। इस मामले में पीएम-सीएम की चुप्पी पर कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार को घेरने की बात कही है।
कांग्रेस ने संरक्षण देने वाले नेताओं पर भी कार्यवाही की मांग उठाई
लखनऊ में आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के नेतृत्व में आरोपियों को बचाने वाले नेताओं पर एक्शन लेने की मांग उठाते हुए हजरतगंज स्थित गाधी प्रतिमा के सामने पुष्प अर्पित करते हुए बीजेपी नेताओं की बुद्धि -शुद्धि केलिए प्रार्थना की गई।