पूर्व बीजेपी विधायक राजावत के बगावती सुर टिकट नही मिला तो निर्दलिय चुनाव लडेगे

कोटा : कोटा जिले की लाडपुरा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने विरोधी स्वर इख्तियार कर लिए हैं और भाजपा में रहते हुए पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. लाडपुरा से पूर्व विधायक रहे भवानी सिंह राजावत ने चेतावनी दी है कि यदि मुझे टिकट नहीं मिला तो मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. लाडपुरा के कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा हो रही है. उन्होंने मौजूदा भाजपा विधायक कल्पना देवी पर भी आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान विधायक के 5 वर्ष के कार्यकाल में वह कार्यकर्ताओं से संपर्क में नहीं रहीं. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई है. भवानी सिंह राजावत लाडपुरा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे हैं और अभी तक चुनाव भी नहीं आ रहे हैं. लेकिन पार्टी ने इससे पूर्व उनका टिकट काट दिया था. ऐसे में इस बार उन्होंने विरोध का रास्ता चुना है.

राजस्थान की आधी जेल देख ली- भवानी सिंह राजावत

भवानी सिंह राजावत ने कहा कि मैंने राजस्थान की आधी से ज्यादा जेल देख ली. मेरे पर 90 मुकदमे हैं, कहीं रास्ता रोकने के तो कहीं धरने प्रदर्शन के हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस बार भाजपा ने उन्हें लाडपुरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया तो वह निर्दलीय ही मैदान में उतरेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस ने मौका देगी तो इस पर भी वह विचार कर सकते हैं.

सड़क नहीं बनाने पर डीएफओ के थप्पड मार दिया था

भवानी सिंह राजावत ने कहा कि वह लंबे समय से पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं और कई बड़े पदों पर रहे हैं और कई बड़े नेताओं के साथ उन्होंने काम किया है. उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रहे, प्रदेश प्रवक्ता रहे, 45 साल से पार्टी के लिए कार्य कर रहे हैं, लेकिन अब कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है जो बर्दाश्त नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि मेंने एक बार डाढ देवी माता मंदिर की सड़क नहीं बनने दे रहे डीएफओ के थप्पड मार दिया था, जिसकी वजह से वह 12 दिन तक जेल में रहे. उन्होंने कहा कि इन पांच साल में भी उन पर 20 मुकदमे लगे हैं.

सीनियर लीडर्स की हो रही उपेक्षा

भवानी सिंह राजावत ने कहा कि भाजपा में सीनियर लीडर्स की उपेक्षा हो रही है. वसुंधरा राजे की उपेक्षा के सवाल पर कहा कि वह जनाधार वाली नेता हैं, शीर्ष नेतृत्व को सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोटा में वह इस बार चुनाव लड़कर ही रहेंगे, पार्टी टिकट नहीं देती है तो निर्दलीय मैदान में उतरेंगे

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