महिला सिपाही के साथ दरिंदगी से जुड़े मामले की इलाहाबाद हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

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रिपोर्ट मनोज गुप्ता

प्रयागराज। अयोध्या क्षेत्र में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी से जुड़े मामले की सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर सुनवाई हुई, मामले में आज यूपी सरकार और रेलवे की तरफ से जवाब दाखिल किया गया, एसपी रेलवे, लखनऊ पूजा यादव हाईकोर्ट में पेश हुईं और अब तक हुई जांच के बारे में उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी. उन्होंने कोर्ट को बताया कि महिला सिपाही की हालत अभी गंभीर बनी हुई है और उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका जल्द ही बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
घायल महिला कांस्टेबल को सबसे पहले अयोध्या धाम के श्रीराम अस्पताल पहुंचाया, उसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए लखनऊ भर्ती कराया गया है। महिला कांस्टेबल की ड्यूटी अयोध्या मेला में लगी थी ,एसपी रेलवे पूजा यादव ने बताया है कि बेहोशी की हालत में खून से लथपथ मिली महिला कांस्टेबल सुल्तानपुर जनपद में तैनात थी. लेकिन पिछले दिनों उसे अयोध्या धाम में मेला ड्यूटी पर लगाया गया था. मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात उसे सुल्तानपुर से अयोध्या आना था लेकिन वह मनकापुर चली गई. और फिर मनकापुर से वापस अयोध्या आने पर उसे पैसेंजर ट्रेन की बोगी में घायल अवस्था में देखा गया,आखिर क्यों अयोथ्या के बदले मनकापुर पहुंची महिला कांस्टेबल, अनुमान यह लगाया जा रहा है कि महिला कांस्टेबल को संभवत: नींद आ गई थी. जिसके चलते वह अयोध्या स्टेशन पर नहीं उतर सकी और मनकापुर चली गई. जिसके बाद वह मनकापुर से वापस अयोध्या आ रही थी। जानकारी के मुताबिक महिला के सिर, चेहरे और शरीर के दूसरे हिस्से पर चाकू जैसे धारदार हथियार से घाव करने के निशान हैं. ऐसा समझा जा रहा है कि उसके ऊपर जानलेवा हमला किया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये हमला लूटपाट के इरादे से या फिर दुष्कर्म के लिए किया गया होगा. पुलिस का कहना है महिला कांस्टेबल के होश में आने के बाद उससे पूछताछ होगी. जिसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी वहीं घायल सिपाही के परिजनों ने मीडिया संबंधित लोगों का सोशल मीडिया के यूजरों से खबरों को लेकर संयम बरतने की अपील की है परिजनों के मुताबिक जब तक जांच सामने ना आ जाए तब तक कृपया किसी भी तरीके से मनगढ़ंत बातें वह दुष्कर्म जैसे बातों को ना फैलाया जाए। वही अपुष्ट खबरों का अनुसार इससे पहले भी महिला कॉन्स्टेबल पर दो बार और जानलेवा हमला हो चुका है। अब मामला चाहे जो हो लेकिन कानून व्यवस्था के नाम पर अपना शासन सचा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार का इस मामले में बहुत ही किरकिरी हो रही है जहां विपक्षी नेता सरकार और योगीराज पर सीधे-सीधे निशाना तन रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के लिए यह खुद एक चुनौती बन गई है।

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