जलाभिषेक के दौरान बिजली का तार टूटकर गिरा जिससे नीचे उतरा करंट
बाराबंकी, 28 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सावन के तीसरे सोमवार को एक दुखद हादसा हो गया। यहां के प्रसिद्ध अवसानेश्वर महादेव मंदिर में बंदरों के एक झुंड के बिजली के तार पर कूदने से तार टूटकर नीचे लगे टिन शेड पर गिर गया, जिससे पूरे शेड में करंट फैल गया। इस घटना के बाद मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई, जिसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 40 लोग घायल हो गए।
यह घटना हैदरगढ़ क्षेत्र में स्थित पौराणिक अवसानेश्वर महादेव मंदिर में देर रात करीब 2 बजे हुई, जब सावन के सोमवार के चलते जलाभिषेक के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर के पास लगे पुराने बिजली के तार पर कुछ बंदर उछल-कूद कर रहे थे, जिसके कारण तार टूट गया। तार के टिन शेड पर गिरते ही उसमें करंट उतर आया और कई श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए।
करंट लगते ही मंदिर परिसर में चीख-पुकार और अफरातफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। इस भगदड़ और करंट की चपेट में आने से कई लोग घायल हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
हादसे में मरने वालों की पहचान लोनीकटरा थाना क्षेत्र के मुबारकपुरा गांव निवासी 22 वर्षीय प्रशांत और एक अन्य श्रद्धालु के रूप में हुई है।
प्रशासन ने की पुष्टि, मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने पुष्टि की कि हादसा बंदरों के तार पर कूदने की वजह से हुआ, जिससे तार टूटकर टिन शेड पर गिरा और करंट फैल गया।
घायलों को तुरंत हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को जिला अस्पताल, बाराबंकी रेफर किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने और तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंदिर परिसर की पूरी विद्युत व्यवस्था की जांच के आदेश दिए हैं।
यह घटना हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुए हादसे के ठीक एक दिन बाद हुई है, जहां करंट फैलने की अफवाह के कारण मची भगदड़ में आठ लोगों की जान चली गई थी। सावन के महीने में तीर्थ स्थलों पर हो रहे इन हादसों ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
