ई-रिक्शा हड़ताल और मांग को सपा का समर्थन……
फूलपुर एक्सप्रेस
वाराणसी। शहर की ट्रैफिक पुलिस ने ज़ाम से जूझ रहे बनारस की सड़कों पर यातायात सुविधा में सुधार का हवाला देते हुए ई-रिक्शा के परिचालन में नए नियम लाए हैं। अब इन नियमों के विरोध में शहर के ई-रिक्शा चालकों का गुस्सा फुट पड़ा है। लगभग एक सप्ताह से अनशनरत चालकों ने बुधवार को नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की, जिससे ई-रिक्शा चालकों के इस आंदोलन पर राजनीतिक रंग चढ़ता देख समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन व्यक्त कर दिया है।
वाराणसी ट्रैफिक पुलिस ने शहर में जाम का हवाला देते हुए ई-रिक्शा परिचालन के नए नियम बनाये। नियमों में ये तय किया गया कि शहर को ई रिक्शा परिचालन को लेकर चार जोन में बांटा गया है, शहर में ई-रिक्शा का परिचालन कियू आर कोड के तहत किया जाएगा और ये कोड शहर के सम्बंधित थाने के तरफ़ से लगाया जाएगा। इसमें अलग-अलग थाने के लिए अलग-अलग रंग निर्धारित कर दिए गए हैं । जिला, पुलिस प्रशासन का कहना है कि इससे जाम की समस्या से निजात पाया जा सकता है। इस सम्बन्ध में ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि महज दो किलोमीटर के क्षेत्र में रिक्शा चलाकर हम कितना कमा पाएंगे। हमारा घर कैसे चलेगा और बैंक, संस्था का ऋण कैसे देंगे। इस मामले में अखिल भारतीय रिक्शा यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण काशी ने कहा कि चालकों के मना करने पर भी यातायात पुलिस जबरन ई-रिक्शा को होमगार्ड और टीआई के जरिए ट्रैफिक कार्यालय ले जाकर बार कोड लगवाया जा रहा है।
एडीसीपी ट्रैफिक राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि नई व्यवस्था से मॉनिटरिंग की जाएगी। शहर के चार जोन में जो रिक्शा जिस क्षेत्र का है उसी क्षेत्र में चलेगा। किसी अन्य क्षेत्र में उसकी इंट्री नहीं होगी। इससे जाम लगने की भी संभावना कम है।
चालकों को समाजवादी पार्टी (एसपी ) का समर्थन मिला है। सपा के एमएलसी आशुतोष सिन्हा और पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने चालकों को समाजवादी पार्टी का समर्थन पत्र दिया है। सपा ने चालकों को आश्वस्त किया है कि यदि प्रशासन ने बात नहीं मानी तो अखिलेश यादव वाराणसी आएंगे और आन्दोलंन में शामिल होंगे।
वहीं अगर बनारस शहर वासियों की माने तो जब से ई रिक्शा चालकों की हड़ताल हुई है तब से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित होने के साथ-साथ पूरे शहर में ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति मिली हुई है, और इसको लेकर कई लोगों ने रील, फेसबुक, सोशल मीडिया पर बाकायदा वीडियो भी बनाकर पोस्ट किया है, जिससे लोग राहत महसूस कर रहे हैं, पिछले वर्षों में ई रिक्शा की बेतहाशा वृद्धि के चलते सड़क यातायात व्यवस्था शहर में पूरी तरह से बदतर स्थिति में हो गई थी, और वही सवारियों को लेकर ई रिक्शा चालकों मे भी आए दिन मारपीट की घटनाएं सामने आ रही थी, यातायात की व्यवस्था के पालन में ई रिक्शा चालक फेल नज़र आ रहे, जिससे पुलिस ट्रैफिक प्रशासन द्वारा जो नियम बनाए जा रहे हैं उससे बनारस शहर की ट्रैफिक व्यवस्था लगाया जा रहा है, इसे कुछ लोगों द्वारा जहां राजनीतिक लाभ के लिए राजनीतिक रंग दिया जा रहा है वह कहीं से भी काशी वासियों के लिए हितकर नहीं है।