मजलिस के दौरान सुनाएं कई फ़साने…….
फूलपुर एक्सप्रेस
फूलपुर, आजमगढ़ । मौलाना सैय्यद हैदर मेहदी ने कहा कि परवरिश पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है। अगर परवरिश सही मायने में हो जाय तो परवरिश करने वाले के रगो का खून पीछे रह जाता है और परवरिश पाने वाला आला दर्जे का हो जायेगा। यह बाते बृहस्पति वार को बस्ती से आए मौलाना सैय्यद हैदर मेहदी ने क्षेत्र के दसमड़ा गांव स्थिति इमाम बारगाह में आयोजित मजलिस के दौरान कहा।
उन्होंने मां की अजमत के संदर्भ में कहा कि मां की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता है। इसकी भरपाई कभी नही हो सकती है। मां की कमी हमेशा दिलो में चुभती है। मुंबई से आए मौलाना कमाल अहमद खां ने कहा कि हमे गुनाहों से बचना चाहिए। इंसान को अपनी आखीरत बनाना चाहिए। इंसान को अपनी मौत को जरूर याद करना चाहिए। यह इंसान की जहनियत को चेंज कर देती है। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन की बहन जनाबे जैनब ने ही यजीद के दरबार में खुतबा के दौरान बताया था कि इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में कुर्बानी देने का मकसद क्या था।
मौलाना ने जब जनाबे फातिमा जहरा का मसायब सुनाया तो सभी लोग रो पड़े। मजलिस से पूर्व शायर अहलेबैत चंदन फैजाबादी एवं अन्य शायरो ने मौला की बारगाह में नजराना अकीदत पेश किया। निजामत अर्शी फैजाबादी ने किया। संयोजक कुमैल मेहदी और सैय्यद मोहम्मद अब्बास ने सभी आजादरो को शुक्रिया कहा।
रिपोर्ट…. आर हुसैन