अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद को लेकर ठगों ने ठगी का रच दिया खेल, चंदे के नाम पर ठगी, पुलिस में हुई शिकायत

ठगों के निशाने पर पहले मंदिर अब मस्जिद….

फूलपुर एक्सप्रेस

अयोध्या। में एक तरफ राम मंदिर में भगवान प्रभु श्री राम के दर्शन को प्रतिदिन लाखों की भीड़ चल रहा है जिससे अयोध्या की आर्थिक गतिविधियों में बड़ा योगदान बन रहा तो दूसरी तरफ यहां बड़ी उम्मीद के साथ बनने वाली प्रस्तावित मस्जिद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. अयोध्या के धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद को लेकर ठगों ने ठगी का एक अलग ही खेल रच दिया है, जिससे मस्जिद को चाहने वालों मस्जिद निर्माण में अपना आर्थिक सहयोग देने वालों को बड़ा धक्का लगा है, आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाने के साथ-साथ मस्जिद बनाने के लिए भी सरकार को पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया था. यह जमीन सरकार द्वारा धन्नीपुर में दी गई है।

अब पता चला है कि इस प्रस्तावित मस्जिद के नाम पर चंदा वसूली में ठगी की जा रही है. इस मस्जिद का नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद’ रखा गया है. अब कुछ लोगों ने इस मस्जिद की डिजाइन पर आधारित फोटो लगाकर बैंक अकाउंट खुलवाए हैं. इन खातों के ज़रिए चंदा वसूला जा रहा है. 

इतना ही नहीं अयोध्या के कई बैंक में मस्जिद के नाम पर अकाउंट खोल लिए गए हैं. इस मस्जिद के निर्माण की जिम्मेदारी ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट’ के पास है. अब ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी जफर फारूकी ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में केस दर्ज कराया है. शिकायत में बताया गया है कि मस्जिद की फोटो के साथ एक बैंक अकाउंट नंबर सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें चंदे की मांग की जा रही है.

पुलिस के शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस मोबाइल नंबर से ऑनलाइन चंदा मांगा जा रहा है वह अलखैर फाइनेंस के नाम से दर्ज है. इसमें अब तक चंदे के 1.36 लाख रुपये जमा हो चुके हैं. हद तो यह है कि वॉट्सऐप पर चंदा देने का यह संदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ के अध्यक्ष जफर फारूकी के पास भी पहुंच गया था. प्रस्तावित मस्जिद की फोटो और अयोध्या में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की श्रृंगारहाट शाखा का डिटेल देकर ये चंदा लिया जा रहा है, ठगी का खेल खेल रहे ठगों के धरपकड़ के लिए पुलिस तेज़ी से जाँच कर रही।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के समय में भी ठगों ने किया था फ्राड, श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र सहित आदि नामों से अवैध, फ़र्ज़ी साईट बना ऑनलाइन व घर घर जा कर प्रत्यक्ष रूप से भी वसूला जा रहा था चंदा जिसमें हुई थी कार्रवाही।

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