फूलपुर में ऐतिहासिक दशहरा: बारिश के बाद हर्षोल्लास और धूमधाम , रावण वध से गूंज उठा मैदान, 40 फुट के पुतले का हुआ दहन

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बारिश के बाद भी नहीं डिगा उत्साह, फूलपुर में धूमधाम से मनाया गया दशहरा पर्व

रिपोर्ट _ मनोज मोदनवाल / फूलपुर आजमगढ़ 

फूलपुर, आजमगढ़। बारिश की हल्की फुहारों के बावजूद, फूलपुर का ऐतिहासिक दशहरा पर्व गुरुवार को हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया गया। आदर्श रामलीला दशहरा समिति के तत्वाधान में भव्य आयोजन संपन्न हुआ।

बारिश के कारण शुरुआत में छोटे दुकानदारों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा, परंतू वर्षा थमते ही भीड़ उमड़ पड़ी जिससे उन्हें कुछ राहत मिली। हालांकि, कुछ दुकानदारों में आमदनी की कमी की कसक बनी रही।

झांकी और भव्य शोभा यात्रा

पर्व की शुरुआत स्थानीय भवानी मां मन्दिर से हुई, जहाँ से भगवान श्री राम जी की झांकी (जिसमें लक्ष्मण जी, हनुमान जी, जामवंत जी, अंगद जी, नल नील जी, और वानरी सेना शामिल थी) नगर पंचायत के मुख्य मार्गों से होते हुए दशहरा मैदान पहुँची।

इसके बाद, स्वर्ण रथ पर सवार अहंकारी लंकाधिपति रावण ने अपने दल (कुंभकर्ण, मेघनाद, अक्षय कुमार आदि) के साथ अट्ठाहस करते हुए शोभा यात्रा निकाली। यह यात्रा भवानी मां मन्दिर से धर्मशाला रोड, पुरानी सब्जी मंडी, चूना चौक, शनिचर बाजार, श्री शंकर जी तिराहा, सब्जी मंडी, मेन रोड, बस स्टॉप से होते हुए दशहरा मैदान पहुँची।

भीषण युद्ध और रावण वध

दशहरा मैदान में, दोनों सेनाओं के कुशल नेतृत्व में भीषण युद्ध का मंचन हुआ। दर्शकों ने देखा कि मेघनाद द्वारा नागपाश शस्त्र के प्रयोग से लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते हैं, जिससे श्री राम सेना में मायूसी छा जाती है।

वीर हनुमान जी द्वारा पर्वत सहित संजीवनी बूटी लाए जाने के बाद, सुषेण जी के उपचार से लक्ष्मण जी पुनः स्वस्थ हुए। इसके बाद युद्ध में मेघनाद और बारी-बारी से पूरी रावण सेना का अंत होता है।

अंततः, श्री राम और महापराक्रमी रावण के बीच हुए भीषण युद्ध में रावण का अंत श्री राम जी के हाथों होता है। रावण वध होते ही पूरा मैदान श्री राम जी के जयकारों से गूंज उठा।

पुतला दहन और व्यवस्था

युद्ध के मंचन के बाद, 40 फुट ऊँचे रावण के पुतले का दहन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेश गुप्ता ने की और संचालन सुधीर रावत ने किया। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर, पूरे कार्यक्रम के दौरान पुलिस बल मुस्तैद रहा।

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