



पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रहे इमरान खान को तोशखाने मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है, इमरान खान को इस बार उन्हें तीन साल की सजा व पांच साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है, अब जिस मामले में इमरान इस समय फंसे हुए हैं, वो कोई अभी का नहीं है, बल्कि जब वे देश के प्रधानमंत्री थे, तभी से ये विवाद उनके साथ चलता आ रहा है, तोशखाने विवाद को समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि ये तोशखाना होता क्या है, सरकारी खजाने को ही पाकिस्तान में तोशखाना कहा जाता है, असल में पाकिस्तान में जिस भी प्रधानमंत्री या बड़े नेताओं और अधिकारियों को किसी विदेशी यात्रा पर कोई उपहार मिलता है, तो उसे जमा करवाना जरूरी रहता है, इसे तोशखाने में ही जमा किया जाता है, अब अगर कोई पीएम चाहे तो वो उन उपहारों को अपने पास रख सकता है, लेकिन उसकी प्रक्रिया अलग रहती है, अगर कोई उन उपहारों को अपने पास रखना चाहेगा तो उसके लिए पहले उन गिफ्ट्स की नीलामी की जाएगी, उस नीलामी में जितनी उस वस्तु की कीमत होगी, उतना पैसा जमा करना अनिवार्य रहेगा, इमरान खान पर आरोप ये है, कि उन्हें कई ऐसे तोहफे मिले, जिन्हें तोशखाने में जमा तो करवाया गया, लेकिन बाद में उन्हीं तोहफों को महंगे दाम में बाजार में बेच दिया, ऐसा कर इमरान ने पीएम रहते हुए भी काफी पैसा कमा लिया, बताया गया कि पीएम रहते हुए इमरान खान को 14 करोड़ के कुल 58 उपहार मिले थे।
